डिजाइनिंग एंड डेवलपिंग एन ऑनलाइन कोर्स विषयक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला शुरू
रोहतक, गिरीश सैनी। डिजिटल शिक्षा के इस युग में प्रभावी और सशक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम तैयार करना एक चुनौती है। ऑनलाइन कोर्स डिजाइन करते हुए शिक्षण उद्देश्यों की पहचान, लक्ष्य विद्यार्थियों का चयन और उनके लिए उपयुक्त पाठ्य सामग्री तैयार करना तथा पाठ्यक्रम संरचना और मॉडयूल की योजना महत्वपूर्ण है। एमडीयू के शिक्षा विभाग द्वारा स्पार्क प्रोजेक्ट के तत्वावधान में - डिजाइनिंग एंड डेवलपिंग एन ऑनलाइन कोर्स विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में ये उद्गार डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने व्यक्त किए।
डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने बतौर मुख्यातिथि इस अंतराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने डिजिटल शिक्षा की बढ़ी भूमिका तथा विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन कोर्स- मूक्स, स्पेशलाइज्ड कोर्स, सर्टिफिकेट कोर्स की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षकों को ऑनलाइन कोर्स बनाने की तकनीकी, रचनात्मक और शैक्षणिक रणनीतियों से अवगत कराना होगा, ताकि वे प्रभावी और सशक्त ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री तैयार कर सकें।
शिक्षा विभाग की अध्यक्षा डॉ. नीरू राठी ने प्रारंभ में स्वागत भाषण देते हुए ऑनलाइन शिक्षा के विकास की आवश्यकता और वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डाला। स्पार्क प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉ. माधुरी हुड्डा ने इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में कर्टिन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया की प्रो. रचेल शैफील्ड और प्रो. रेखा कौल, इग्नू, दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. आर.सी. शर्मा,आईआईटी, गांधीनगर के प्रो. समीर सहस्त्रबुद्धे तथा एमडीयू के डिजिटल लर्निंग सेंटर के निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल ने बतौर रिसोर्स पर्सन प्रतिभागियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम तैयार करने का व्यावहारिक ज्ञान देंगे।
आभार प्रदर्शन प्रो. जितेंद्र कुमार ने जताया। मंच संचालन शोधार्थी स्वाति ने किया। इस दौरान डीन, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन प्रो. आरपी गर्ग, डॉ. निधि, पीआरओ पंकज नैन, शिक्षा विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी व विद्यार्थी तथा संबद्ध शिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।/22/11