'जलेबीबाई' गाने से मशहूर गायिका से बातचीत
चार साल की थी जब पापा के आर्केस्ट्रा बैंड में गाने लगी: रीतू पाठक
-कमलेश भारतीय
चार साल की थी जब पापा जे पी पाठक के आर्केस्ट्रा बैंड से जुड़ गयी थी और मंच पर गाने लगी थी । हमारा पूरा परिवार संगीत प्रेमी परिवार है । यह कहना है जलेबीबाई गाने से हिट हुई गायिका रीतू पाठक का ! वे कल शाम फ्लेमिंगो पर्यटन परिसर में शुरू हुए हिसार उत्सव के पहले दिन अपनी संगीतमय प्रस्तुति देने आई थीं । जय गणेश देवा से शुरू कर रीतू पाठक ने अपने हिट गीत 'जलेबीबाई' के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न किया । श्रोताओं की जबरदस्त मांग पर हरयाणवी गीत -तेरी आंख्यां का यो काजल' भी गाया जिससे दर्शक खूब थिरकते झूमते दिखे ! बीच बीच में रीतू बच्चों के साथ सेल्फी भी करवाती रही और दर्शकों के बीच भी आती रही ! इनकी मम्मी सविता पाठक भी श्रोताओं में सबसे आगे मौजूद रहीं ।
-मूल रूप से कहां की रहने वाली हैं आप ?
-मध्यप्रदेश के गोपालगंज से ।
-पढ़ाई लिखाई कितनी और कहां से ?
-बीए प्रथम वर्ष तक ही और गोपालगंज से ही ।
-संगीत और गायन की दुनिया में कैसे ?
-चार साल की थी जब पापा जे पी पाठक के आर्केस्ट्रा बैंड के साथ जुड़कर मंच पर गाने लगी थी । मम्मी सविता ने भी स्पोर्ट किया ।
-कोई डर नहीं लगा ?
-डर के आगे जीत है !
-मुम्बई कब गयीं ?
-सन् 2007 में ! इंडियन आइडल के सीजन 2 में ।
-क्या पोजीशन रही ?
-टाॅप टेन में रही ।
-रियल्टी शोज के बारे में क्या कहोगी ?
-नयी प्रतिभाओं को मंच मिलता है और मेरे जैसे अनेक नये गायक इन्हीं मंचों से आये हैं लेकिन अब यह बिजनेस ज्यादा हो गया है !
-मुम्बई में प्लेबैक सिंगर बनने का पहला मौका किसने दिया ?
-संगीतकार आनंदराज ने । उनके साथ ही 'डबल धमाल' फिल्म में गाया मेरा गाना जलेबीबाई सुपरहिट रहा जो मेरी अब तक की सबसे बड़ी पहचान है !
-फिर और गाने ?
-शंकर अहसान राय और प्रीतम सहित अनेक संगीतकारों के साथ गाने गाये हैं ! हाउसफुल और थैंक्यू सहित अनेक फिल्मों में मेरे गाये गाने हैं । फिर भी जलेबीबाई मेरी पहचान है !
-पसंदीदा गायक /गायिका ?
-लता मंगेशकर और आशा भोंसले । सोनू निगम भी । वैसे सबको सुनती हूं ।
-कोई अवाॅर्ड?
-गोपालगंज से लेकर मुम्बई तक छोटे छोटे अनेक सम्मान लेकिन कोई बड़ा पुरस्कार अभी नहीं । जो गाने का अवसर मिल रहा है यह भी सम्मान से कम नहीं !
-अब आगे क्या लक्ष्य ?
-जीवन में प्लान बना कर कुछ नहीं करती । कोविड का समय भी आया तब भी निराश नहीं हुई ।
-हरियाणवी गीत की फरमाइश पूरे कार्यक्रम के दौरान रही । फिर कैसे मैनेज किया ?
-मैंने तेरी आंख्यां का यो काजल काफी सुन रखा था और एक हरियाणवी गीत गाया भी है । इसलिए इस गीत को गाकर फरमाइश पूरी कर अच्छा लगा । गायक और परफाॅर्मर को श्रोताओं की खुशी देखनी ही होती है । हिसार आकर बहुत अच्छा लगा । फिर कभी आमंत्रण मिला तो जरूर आऊंगी ।
हमारी शुभकामनाएं रीतू पाठक को ।