हरियाणवी फिल्म्ज के ऑफर मिल रहे हैं: अनिरूद्ध दवे 

हरियाणवी फिल्म छोरियां, छोरों से कम नहीं, फेम हीरो अनिरूद्ध दवे  के साथ कमलेश भारतीय की इंटरव्यू  

हरियाणवी फिल्म्ज के ऑफर मिल रहे हैं: अनिरूद्ध दवे 
Actor Aniruddh Dave.

हरियाणवी फिल्म छोरियां, छोरों से कम नहीं, के हीरो अनिरूद्ध दवे का कहना है कि उन्हें और भी हरियाणवी फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं और इस फिल्म की शूटिंग करके बहुत मज़ा आया था हरियाणा में। यही नहीं हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित फिल्म समारोह में बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हाथों मिला। मूल रूप से जयपुर के निवासी अनिरूद्ध को बचपन से ही थियेटर का शौक लगा इरफान भाई को देखकर और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते दिल्ली के एनएसडी से होते हुए मुम्बई पहुंचे। 
-कोरोना के दिन कैसे बिता रहे हो?

-वैसे तो देश के प्रधानमंत्री से लेकर हर आमजन कोरोना से परेशान है। मैं भी। पर इन दिनों फिल्म्ज की स्क्रिप्ट पढ़ रहा हूं। वर्ल्ड सिनेमा देखता हूं और माउथ ऑर्गन बजाने का शौक पूरा करता हूं। पर इतनी दुआ करता हूं कि यह समय या ऐसा समय फिर कभी लौट कर न आए। 
-जब कोरोना के कारण लाॅकडाउन घोषित हुआ तब कहां थे?
-लखनऊ में वेबसीरीज की शूटिंग में व्यस्त। पैकअप हुआ और मुम्बई लौट आए। 
-हरियाणवी फिल्म छोरियां, छोरों से कम नहीं के हीरो कैसे चुने गये?
-सतीश कौशिक जी और राजेश बब्बर जी के सम्पर्क में था पहले से ही। स्क्रिप्ट सुनी। अच्छी लगी और बस। बन गया हीरो। 
-हरियाणवी कैसे बोली?
-देखिए, कमलेश जी। हम एक्टर्ज का काम ही भाषाएं सीखना होता है। इन पर काम करना होता है। मैंने भी सीखी। फिर सतीश जी और राजेश जी दोनों खुद हरियाणा के निवासी। सब सिखा दिया। मैनरिज्म, बॉडी लैंग्वेज इंपॉर्टेंट होता है।  
-प्रिय एक्टर कौन?
-हमारे अपने जयपुर शहर के प्यारे इरफान भाई। उन्हें देखकर ही थियेटर का शौक लगा। उनके पदचिन्हों पर चलते दिल्ली के एनएसडी फैक्लटीज के साथ फ़्री लांस थियेटर करते हुए  हुए मुम्बई पहुंचा। 
-इरफान के न रहने पर कैसा महसूस हुआ?
-इरफान भाई की जगह कोई नहीं ले सकता। 
-कभी मिलना हुआ था इरफान से?
-जी। कभी सेट पर तो कभी फोन पर। अच्छे प्रेरक इंसान।
-हरियाणवी फिल्म करने से पहले क्या क्या किया?
-नेटफिक्स पर प्रणाम फिल्म की, इन दिनों  एमेजाॅन पर पाताल लोक देख रहा हूं, प्रोसित राॅय के निर्देशन अच्छा है, जयदीप अहलावत का अभिनय अच्छा लगा, यह वक़्त है, अच्छी फिल्में सिनेमा, किताब पढ़ने का। वैसे  हरियाणवी फिल्म के बाद और हरियाणवी फिल्म्ज के ऑफर आ रहे हैं। 
-कैसा लगा हरियाणा में शूटिंग के दिनों?
-बहुत अच्छा लगा, हरियाणा में टैलेंट भी है और अपनापन भी। रश्मि सोमवंशी के साथ अच्छा अनुभव रहा। दूसरे कलाकार भी ट्यूनिंग में रहे तभी फिल्म बहुत अच्छी बन पाई। सतीश जी का तो कहना ही क्या? 
-शादी हो चुकी?
-जी। शुभी है मेरी पत्नी। एक्ट्रेस। इसी फिल्म लाइन से। मैं एक प्रोजेक्ट तैयार कर रहा हूं जिसमें वो क्रिएटिव डायरेक्टर हैं।
हमारी शुभकामनाएं अनिरूद्ध दवे व शुभी को।

-कमलेश भारतीय