आईपीएल : धोनी मैजिक की आलोचना
-*कमलेश भारतीय
आईपीएल अब अंतिम दौर में पहुंच गया है और इसके आखिरी दस मैच ही बचे हैं । आईपीएल के अब तक खेले गये साठ मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी खूब चर्चा में हैं । वे इस बार बेशक चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान नहीं हैं लेकिन इस टीम को उनके नाम ही जोड़कर देखा जाता है । कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने भी यह बात साफ साफ कह दी है कि जब जब हमारी टीम संकट में होती है, तब तब माही अपने आप स्थिति संभाल लेते हैं ! काश! इतना ही आदर अपने सीनियर रोहित शर्मा को मुम्बई इंडियन के कप्तान हार्दिक पंड्या ने दिया होता तो इतनी फजीहत न होती ! धोनी बनना सचमुच सबके बस की बात भी नहीं । वह हारने के बाद भी शुभमन गिल की पीठ थपथपाता है। यह उसका बड़प्पन है । यही धोनी मैजिक है । क्रिकेट के तीनों फाॅर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व कप दिलाने वाले धोनी आज सचिन तेंदुलकर के बाद क्रिकेट के भगवान् कहे जा रहे हैं लेकिन जैसे भगवान् की आलोचना होती है, वैसे ही धोनी की आलोचना भी की जा रही है, खासतौर पर उनके बैटिंग ऑर्डर के नम्बर को लेकर कि वे इतना नीचे खेलने क्यों आते हैं जबकि वे जानते हैं कि यदि थोड़ा ऊपर आकर खेलें तो जो मैच चेन्नई सुपर किंग्स हारी, उनके परिणाम कुछ और हो सकते थे । माही के मैदान में बैटिंग के लिए कदम रखते ही उनके फैंस 'धोनी धोनी' का शोर सब तरफ मचा देते हैं और बेशक धोनी बहुत निचले क्रम में मैदान में उतरते हैं, फिर भी चौके छक्के दिखा ही जाते हैं । फैंस का पैसा वसूल हो जाता है । फिर वे कुछ ऊपर क्यों नहीं आते बैटिंग करने? इस बात को लेकर कमेंटेटर रूम में बैठे पूर्व खिलाड़ी व उनके साथी रहे हरभजन सि़ह ने कड़ी आलोचना की है और यहां तक कहा कि धोनी को अब संन्यास ले लेना चाहिए, यदि वे खेल नहीं पा रहे हैं ! संन्यास कब लेना है, इसका फैसला कोई भी खिलाड़ी खुद करता है । भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़ने के लिए भी ऐसे ही आलोचना होने पर धोनी ने एक बार कहा था कि यदि टीम के लिए विकेटकीपर तैयार हो गया हो तो वे संन्यास लेने को तैयार हैं और सचमुच अभी तक धोनी जैसा चपल विकेटकीपर तैयार नहीं हुआ । अभी न ऋषभ पंत और न ही ऋद्धिमान साहा पर वैसा भरोसा नहीं हुआ, जितना धोनी पर था । आईपीएल में भी धोनी द्वारा चीते की तरह लपककर लिया गया कैच बार बार दिखाया जा रहा है, जो उनकी फिटनेस की गवाही देता है । इसके बावजूद बैटिंग करने ऊपर के क्रम में न आने पर यह बात सामने आ रही है कि धोनी को कुछ मसल तकलीफ है और वे उतना दौड़ नहीं सकते बल्कि डाॅक्टर ने फुल रेस्ट बता रखा है लेकिन धोनी हैं कि मानते नहीं । इस पर भी आलोचना की जा रही हैं कि आईपीएल की मोटी फीस के लिए धोनी डाॅक्टर की सलाह को इग्नोर कर मैदान में उतरते हैं ताकि नये खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहें !
धोनी जैसा कोई नहीं, यह तो नहीं कहूंगा लेकिन इससे कम भी नहीं है धोनी ! जियो धोनी और आईपीएल को ऐसे ही दर्शकों के देखने लायक बनाये रखो !
धोनी रे धोनी तेरा खेल कैसा
जिसने जिस नज़र से देखा, उस जैसा!
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी