समाचार विश्लेषण/आईपीएल : धोनी की धुन को सलाम
-*कमलेश भारतीय
आईपीएल को पांचवीं बार क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी यानी प्यारे माही ने अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स के लिये जीत लिया । धोनी ही धोनी गूंजता रहा मैदान में ! हमारा माही ! प्यारा माही ! हारने वाले कप्तान हार्दिक पंड्या को भी कोई मलाल नहीं हुआ , अपने गुरु के सामने हारते हुए और जाकर गले लगकर बधाई दी । यही है स्पोर्ट्समैन स्पिरिट ! इसे ही कहते हैं खेल भावना ! जीत हार तो होती ही है । यदि गुजरात जायंट्स जीत जाती तो शायद धोनी भी यही करते -मुस्कुराते हुए हार्दिक को बधाई देने जाते !
आईपीएल में इस बार रोचक और कड़े मुकाबले देखने को मिले -सांस रोककर देखने वाले ! हर टीम ने आखिरी मैच तक कोशिश में कमी नहीं छोड़ी जिसका उदाहरण गुजरात जायंट्स का फाइनल में पहुंचना है । गुजरात जायंट्स के शुभमन गिल और सुदर्शन ने नाम कमाया । सुर्यकुमार यादव भी चमके । सितारों की तरह उभर कर सामने आये । पर शुभमन ने बड़े बड़े बोल बोल दिये जो अच्छे नहीं कहे जा सकते -इस जेंटलमेन के खेल में ! विराट भी गर्ममिजाज हो जाते हैं । थोड़ा तो बदलना चाहिए । क्रिकेट तेज खेलो लेकिन स्वभाव धोनी जैसा रखो !
धोनी को इसीलिये कैप्टन कूल कहा जाता है । हर समय चेहरे पर मुस्कान और भाव छिपा लेने में माहिर है माही ! अंदर ही अंदर रणनीति बनाते चलता है । कोई समझ नहीं पाता कि कौन सा जाल बिछाने जा रहा है और हारे हुए मैच को जीत कर अनहोनी को होनी करने वाले का नाम है धोनी ! अपनी बेटी को भी प्यार करने का समय मैदान में भी निकल लेता है । धोनी से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है । कैसे टीम को एकजुट रखना है और किससे क्या और कब करवाना है ! सबकी खबर रखता है धोनी ! इस जैसे चपल विकेटकीपर रहे कभी फारूख इंजीनियर ! इतने ही चपल धोनी हैं ! धोनी में जो धैर्य है , वह किसी में नहीं , इसलिये वह हारी हुई बाजी जीत कर बाजीगर कहलाता है !
एक और दृश्य हुआ आखिरी मैच में । जैसे ही रवींद्र जडेजा ने चौका मार कर चेन्नई सुपर किंग्स को जीत दिलाई इनकी पत्नी जो विधायक भी है , मैदान में दौड़ कर आई और पहले पांव छूकर आशीर्वाद लिया , फिर बधाई दी । सिर पर पल्लू लिये पूरी भारतीय नारी की तरह । यह फोटो बहुत वायरल हो रही है । कुछ इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कुछ आलोचना । सिर पर पल्लू और साड़ी में होना कोई बुरी बात तो नहीं और पाव छूने की आलोचना करने वाले इसे पुरूष मानसिकता कह रहे हैं । यह तो जडेजा की पत्नी की इच्छा है न कि पुरूष मानसिकता ! वे विधायक होते हुए भी एक पत्नी और भारतीय नारी हैं जो स्वाभाभिक लगा वही किया ! इसमें ट्रील करने की जरूरत क्या आन पड़ी ? कभी सानिया मिर्जा के छोटे कपड़ों को ट्रोल किया गया तो कभी अनुष्का की मौजूदगी में विराट के मैच हार जाने की वजह बता देना भी गलत था । पटौदी को क्रिकेट मैदान में देखने शर्मिला भी साड़ी में ही तो जाती थीं ! इसमें किस बात के लिये आलोचना ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।