समाचार विश्लेषण/दूरदर्शन ऑन सेल क्या?
क्या बचा पायेंगे हरियाणा दूरदर्शन?
-*कमलेश भारतीय
हरियाणा दूरदर्शन केंद्र को चंडीगढ़ शिफ्ट किया जा चुका है । केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 29 दिसम्बर को ही ये आदेश हरियाणा दूरदर्शन केंद्र, हिसार में पहुंचा दिये थे जिसके चलते बत्तीस अस्थायी कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं और अन्य स्थायी कर्मचारियों को टूर के नाम पर चंडीगढ़ रवाना कर दिया गया । समाचार संपादक की टूर के नाम पर ट्रांस्फर की गयी । इतनी मासूमियत से हरियाणा दूरदर्शन शिफ्ट किया गया कि हरियाणा के राजनेता इसे सिर्फ शिफ्ट ही समझे न कि इसका यहां से पूर्ण प्रसारण बंद समझ पाये ! यह समझ ही नहीं पाये और न ही समझने को तैयार हुए । इसे मात्र एक पॉलिसी मैटर मानकर अपने अपने कर्त्तव्य से इतिश्री कर ली , पल्ला झाड़ कर खामोशी से इसकी शिफ्टिंग देखते रहे । दूरदर्शन कर्मचारियों ने समय रहते दूरदर्शन के मुख्य द्वार पर धरना देना शुरू किया और शहर के अनेक संगठनों ने इसके समर्थन में हाथ आगे बढ़ाकर उत्साह और उम्मीद बनाये रखी । संगठनों ने दूरदर्शन के मुख्य द्वार के धरने के साथ साथ हिसार स्थित सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधियों के घरों तक जाकर न केवल ज्ञापन दिये बल्कि स्थानीय निकाय मंत्री डाॅ कमल गुप्ता , गृहमंत्री अनिल विज , हिसार के भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह , डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सबको इस दूरदर्शन को बचाने की गुहार लगाई । ज्ञापन के साथ साथ हरियाणा के इस केंद्र की जरूरत , हरियाणवी संस्कृति को बचाने की दुहाई दी । सबने सुना और बस आश्वासन देकर भेज दिया । बृजेंद्र सिंह ने कहा कि हिसार के सभी जनप्रतिनिधियों को इसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए और संसद में समय मिला तो इस मुद्दे को उठाऊंगा । इसी प्रकार डाॅ कमल गुप्ता ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे लेकिन क्या बात हुई यह मालूम नहीं हुआ । उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आश्वासन दिया था कि 19 जनवरी तक का समय दीजिए , सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से बात करूंगा । यह बात हुई या नहीं ? बात हुई तो क्या नतीजा रहा ? यह बताने की जरूरत नहीं समझी । सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह दूरदर्शन हरियाणा के ही नहीं देश के ताऊ चौ देवीलाल की स्मृति को समर्पित था लेकिन इनके परपोते दुष्यंत चौटाला या पोते अभय चौटाला या फिर बेटे चौ रणजीत सिंह किसी ने भी इसके शिफ्ट किये जाने का विरोध नहीं किया । उपमुख्यमंत्री और बिजली मंत्री तो सीधे सरक्र से जुड़े हैं । परिवार के नाम से जुडे दूरदर्शन केंद्र को बड़ी आसानी से शिफ्ट किये जाते चौ देवीलाल की पीढ़ियां देखती रहीं । यह बहुत ही अजीब बात रही । क्या यह हरियाणवी संस्कृति , समाज और कला के लिए बचाया जाना नहीं चाहिए था ?
दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति ने धरना समाप्त नहीं किया बल्कि नाचते गाते हिसार की आयुक्त गीता भारती को ज्ञापन सौंपा । यही नहीं टाउन पार्क में भी गीत गाकर लोगों को चेताया तो बस स्टैंड पर पेम्पफलेट बांटे वो भी भारी बारिश के बीच । यही क्यों हरियाणा के कलाकारों की संस्था हाइफा ने भी यशपाल शर्मा सहित सोलह लोगों के हस्ताक्षर सहित एक ज्ञापन अनुराग ठाकुर को भेज कर इसे बंद न किये जाने की आवाज बुलंद की ।
एक बात यहां से सेवानिवृत्त केंद्र निदेशक ने दो तीन वर्ष पहले ही कह दी थी जो आज सच हो गयी कि एक दिन इस दूरदर्शन केंद्र के बाहर यह सूचना लगी मिलेगी -दूरदर्शन ऑन सेल ! सच ही यह सूचना सच हो गयी । दूरदर्शन ऑन सेल , है कोई जो इसे बचा ले ? बोली लगने ही वाली है ।
क्या यह केंद्र गोरखपुर की तरह बचाया नहीं जा सकता ? वहां के सासंद कलाकार रवि किशन ने व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे हस्तक्षेप कर बचा लिया । यह सारे हरियाणा से जुड़ा केंद्र था न कि किसी विशेष राजनीतिक दल का ! हां , चौ देवीलाल की स्मृति से जुड़ा जरूर था । इसे बचाने की कोशिश सभी दल मिलकर करें ।
क्या यहां कोई हस्तक्षेप भी करने को तैयार नहीं हुआ ? अभी ऐसे ही एक और केंद्र मुजफ्फरनगर को सांसद अजय निषाद ने हस्तक्षेप कर बचा लिया । क्या यह कोई पालिसी मैटर था या है ? नहीं । कोई पालिसी मैटर नहीं है । आपने कोई गंभीर कोशिश ही नहीं की । चुपचाप इसे शिफ्ट होते देखते रहे । अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा । एक आवाज तो उठाइए ।
दुष्यंत कुमार के शब्दों में :
कौन कहता है कि आसमान में सुराख हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।