लोगों व समाज की मानसिकता बदलना जरूरी: रेखा शर्मा 

लोगों व समाज की मानसिकता बदलना जरूरी: रेखा शर्मा 

-कमलेश भारतीय
हिसार: लोगों व समाज की नारी के प्रति मानसिकता बदलना बहुत जरूरी है, तब ये यौन शोषण व रेप जैसी घिनौनी घटनाओं पर विराम लग सकता है । नारी को समाज दूसरे दर्जे की नागरिक समझना बंद करे । हरियाणा में तो यह भेदभाव और भी ज्यादा देखने को मिलता है ।   ऊपर से पुलिस भी महिलाओं की बात नहीं सुनती।   यह कहना है लगातार नौ साल राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं रेखा शर्मा का ।   वे कल सायं हिसार में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक पीयूष मेहता के आमंत्रण पर एक होटल में व्याख्यान के बाद बातचीत कर रही थीं ।   इस अवसर पर पीयूष मेहता व भाजपा से जिला महामंत्री आशा शर्मा भी मौजूद थे रहे। 
मूलरूप से देहरादून की निवासी रेखा शर्मा ने ग्रेजुएशन तक वहीं शिक्षा ग्रहण की और कर्नल विक्रम के साथ शादी के बाद कुछ और नये से नये पाठ्यक्रम किये । सन् 1995 से सामाजिक व राजनीतिक जीवन में सक्रिय रेखा शर्मा को लगातार तीन बार राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष पर शोभायमान किया गया, जो किसी कीर्तिमान से कम नहीं । 
-राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के बाद अब जीवन किस ओर? 
-महिलाओं और समाज के उत्थान के लिए कार्य करती रहूंगी, करती आई हूँ। 
-कैसा अनुभव रहा आयोग का ? 
-महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की कोशिश रही । महिलाओं को संविधान में समानता मिली जरूर है लेकिन यह धरातल पर लाना समाज का काम है! लोगों  की, समाज की मानसिकता बदलना जरूरी है । महिलाओं को कानून के प्रति जागरूक करने की कोशिश की । इसके लिए हर लीगल गाइड ऐप भी बनाया ! 
-इसके अतिरिक्त और क्या कर पाईं? 
-कोरोना काल में वृद्धों की देखभाल की, प्रसूति के दौरान महिलाओं को मदद व दवाइयां दिलवाई़ और हैप्पी तो हेल्प सर्विस ऐप बनाया, ये दोनों प्रयोग बहुत सफल रहे ! मैं चुनाव नहीं लूड़ूंगी, नीतियों का प्रचार करूंगी। 
-टिकटों की घोषणा होते ही दल छोड़ने या विद्रोह करने पर क्या कहेंगीं? 
-असंतोष और दल के प्रति समर्पण का अभाव । सिर्फ दो साल में ही कहते हैं हमने दल की सेवा की, टिकट  चाहिए। मैंने बीस साल तक काम किया, कुछ नहीं मांगा । समर्पण में कमी आई है । 
-देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रति क्या कहेंगीं?
-मुझे बचपन में इंदिरा गांधी ही कहते थे लेकिन मेरी रोल मॉडल वे नहीं हैं। उन्होंने जो इमरजेंसी लगाई उसकी कटु स्मृतियां आज तक उदास कर देती हैं और आक्रोश से भी भर देती हैं ! कैसे कालाबाजारी बढ़ती गयी और मैं मां के साथ चीनी, मिट्टी का तेल व राशन आदि लेने के लिए राशन की लम्बी कतारों में खड़ी रहती ।   वे मेरी आदर्श नहीं हैं।
-विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बारे में क्या कहेंगीं? 
-दोगला चरित्र है । जाति मतगणना की मांग कर समाज को विभाजित करने की चाल और ऊपर से मोहब्बत की दुकान की बात।
-विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रतिक्रिया? 
-एक महिला पहलवान राजनेता बन गयी, इससे अधिक और क्या? 
-आपके परिवार के बारे में ? 
-मेरे पति विक्रम सेना में कर्नल पद से रिटायर हैं जबकि मैं सामाजिक कार्य से रिटायर नहीं आज तक।  दो बेटियां हमारे- अनन्या व अदम्या ।   अनन्या जहां वकील है, वहीं अदम्या टेक्निकल एडीटर है । 
-क्या संदेश देंगी समाज के लिए ? 
-नारी को बचपन से ही सुनने को कहा जाता है, बोलने नहीं दिया जाता। यह मानसिकता बदलनी जरूरी है । नारी की सुनो, उसे भी बोलने दो । नारी की न नहीं सुनते और उस पर चारित्रिक हमले या एसिड अटैक तक होते हैं।   महिलाएं सरकार बना और बिगाड़ सकती हैं तो अपना भविष्य भी बनाये-स्वावलम्बी बनकर।  आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनें ।   महिलाओं को बेहतर अवसर दिये जायें ! आज राष्ट्रपति महिला और वित्त मंत्री महिला है। यह क्या कम है।