हमारा सौभाग्य कि हम शहीदों की कुर्बानियों से आज़ाद देश में सांस ले रहे हैं: प्रो अवनीश वर्मा
-कमलेश भारतीय
हिसार : यह हमारे सबसे बड़ा सौभाग्य है कि हम शहीदों की कुर्बानियों से आज़ाद देश में सांस ले रहे हैं । यह कहना है गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो अवनीश वर्मा का । वे युवा कल्याण निदेशालय की ओर से अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शुरु हुई व्याख्यान श्रृंखला को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि लम्बे संघर्ष के बाद यह आज़ादी हमें मिली और इसका भारी मूल्य शहीदों ने चुकाया । छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो दीपा मंगला ने प्रारम्भ में मुख्यातिथि का जहां स्वागत् किया और मुख्य वक्ता डाॅ महेंद्र विवेक का विस्तृत परिचय भी दिया । रश्मि और निमिषा सूर्यांशी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया ।
मुख्य वक्ता व डी एन काॅलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डाॅ महेंद्र विवेक ने व्याख्यान श्रृंखला की शुरूआत करते जहां सन् 1857 की क्रांति की बात की , वहीं विस्तारपूर्वक हरियाणा के आज़ादी के संघर्ष के योगदान का उल्लेख किया । उन्होंने कहा कि हमने पचहतर वर्ष पूरे कर लिये ये माइलस्टोन के समान हैं और हमें आगे कैसे बढ़ना है , यह भी सोचना है । इसलिए स्वतंत्रता का अर्थ न भूलें । हरियाणा के योगदान की चर्चा करते कहा कि अंग्रेजों ने इसके सात जिलों में कितने कितने अत्याचार , जुल्म व प्रताड़नाएं कीं कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं और धन्य हैं वे शहीद जिन्होंने ये जुल्म हंसते हंसते सहे और कुर्बानियां दीं । सबसे ज्यादा थानेसर में 28 बार लोगों को रोडरोलर से कुचला गया । हांसी और हिसार में भी ऐसे कुकृत्य किये गये । राव तुलाराम सहित कुछ व्यक्तियों के संघर्ष व योगदान का विशेष उल्लेख भी किया । मेवात के तो गांव के गांव को आग लगा दी जाती थी । रोहनात गांव की चर्चा भी की ।
डाॅ विवेक ने बताया कि 27 हरियाणवी रागनियां भी स्वतंत्रता आंदोलन पर मिलती हैं । उन्होंने कुछ अंश भी सुनाये :
के के जुल्म करे गोरेयां ने
आज़ादी की कीमत
चुकाई बड़ी भारी ,,,
हरियाणा ने कदम से कदम मिलाकर आज़ादी की लड़ाई में योगदान दिया । युवा कल्याण निदेशालय के निदेशक अजीत सिंह ने मुख्यातिथि प्रो अवनीश वर्मा और मुख्य वक्ता डाॅ महेंद्र विवेक का हार्दिक आभार करते बताया कि यह श्रृंखला चार भागों में चलेगी और आज के कार्यक्रम से निश्चित ही आज़ादी के संघर्ष में हरियाणा के योगदान से परिचित हुए होंगे और उनकी जिज्ञासा भी बढ़ी होगी ।