पत्रकार में मनुष्यता का होना बेहद जरूरी हैः निधीश त्यागी
पत्रकारिता का भविष्य विषयक कार्यशाला आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। प्रभावी पत्रकारिता के लिए संवेदी बनना होगा। पत्रकारिता के केन्द्र में मनुष्यों की कहानी महत्वपूर्ण है। इसलिए पत्रकार में मनुष्यता का होना बेहद जरूरी है। भविष्य की पत्रकारिता में डेटा जर्नलिज्म के साथ-साथ आम जन मानस का चेहरा तथा उसके संघर्ष, उसके जीवन की कथा भी शामिल करनी होगी। ये विचारोत्तेजक पहलू प्रतिष्ठित मीडिया कर्मी, लेखक निधीश त्यागी ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित- पत्रकारिता का भविष्य विषयक कार्यशाला में साझा किए।
निधीश त्यागी ने पत्रकारिता के भाषायी पहलू, सामग्री संकलन, प्रभावी समाचार प्रस्तुति, हैड लाइन के महत्व, पाठकों के साथ संवाद शैली, समाचार के सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, तकनीकी कौशल बारे विद्यार्थियों को अवगत कराया। निधीश त्यागी ने कहा कि यह समय हाइपर-लोकल का है।
मीडिया विद्यार्थियों से सरल, सहज भाषा में लेखन, सवाल पूछने की प्रवृत्ति विकसित करने तथा न्यूज स्टोरी सेंस विकसित करने की सलाह तथा न्यूज स्टोरी सेंस विकसित करने की सलाह निधीश त्यागी ने दी। उन्होंने अच्छे रचनाकारों की रचनाएं पढ़ने, साहित्य में रूचि लेने का परामर्श विद्यार्थियों को दिया।
विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पत्रकारिता के लिए भाषाई संस्कार विकसित करने होंगे। भाषायी कौशल पत्रकारिता का आधार स्तंभ है, ऐसा उनका कहना था। प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि प्रभावी फील्ड रिपोर्टिंग के लिए विद्यार्थियों में समाज की समझ होनी चाहिए।
कार्यक्रम का समन्वयन-संचालन सहायक प्रोफेसर सुनित मुखर्जी ने किया। सुनित मुखर्जी ने कहा कि पत्रकारिता के केन्द्र में जनोन्मुख-सामाजिक सरोकार होने चाहिए। उन्होंने आज विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों से पुस्तकों से जुड़ने का आह्वान किया।
उल्लेखनीय है कि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस कार्यक्रम में जाट महाविद्यालय के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डा. जसमेर हुड्डा, विजुअल कम्युनिकेटर पवन मल्होत्रा, लेखक डा. दयानंद कादियान समेत शोधार्थी-विद्यार्थी तथा जाट महाविद्यालय के पत्रकारिता के विद्यार्थी मौजूद रहे।