लोकतंत्र की मजबूती में पत्रकारिता की अहम भूमिका: प्रो. हरीश कुमार 

भारतीय समाचार पत्र दिवस के उपलक्ष्य में संवाद कार्यक्रम आयोजित। 

लोकतंत्र की मजबूती में पत्रकारिता की अहम भूमिका: प्रो. हरीश कुमार 

रोहतक, गिरीश सैनी। लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारिता की अहम भूमिका है। समाज में समाचार पत्रों तथा पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए एमडीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में भारतीय समाचार पत्र दिवस के उपलक्ष्य में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने इस संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में समाचार पत्रों का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम के साथ जुड़ा हुआ है। भारत के जाने-माने स्वतंत्रता सेनानियों ने खुद के अखबार निकाले, अखबारों का संपादन किया तथा आजादी की अलख जगाई। प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि पत्रकारिता सत्यमेव जयते के मंत्र को मुखरित करता है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्रकारिता का विशेष उल्लेख इस संदर्भ में किया। 

कार्यक्रम में सहायक प्रोफेसर सुनित मुखर्जी ने बताया कि 29 जनवरी 1780 को भारत में पहला समाचार पत्र- द बंगाल गजट प्रारंभ हुआ। इसका संपादन जेम्स ऑगस्टस हिकी ने किया। इस दिन को इसलिए भारतीय समाचार पत्र के रूप में मनाया जाता है। सुनित मुखर्जी ने वर्तमान में समाचार पत्रों के समक्ष चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। 

सहायक प्रोफेसर डा. नवीन कुमार ने कहा कि समाचार पत्र का अस्तित्व डिजिटल दौर में भी बना रहेगा। समाचार पत्रों के कलेवर तथा प्रस्तुतीकरण में परिवर्तन हो सकता है पर इसका महत्व बना रहेगा। कार्यक्रम संचालन शोधार्थी प्रिया ने किया। शोधार्थी कुलदीप, विद्यार्थी साहिल, सरिता ने भी इस दौरान अपने विचार साझा किए। संवाद कार्यक्रम में शोधार्थी-विद्यार्थी शामिल हुए।