पत्रकारिता समर्पण भाव से न कि धन के आकर्षण में करें : प्रो मनोज दयाल

पत्रकारिता समर्पण भाव से न कि धन के आकर्षण में करें : प्रो मनोज दयाल

-कमलेश भारतीय
पत्रकारिता समर्पण भाव से करें न कि धन के आकर्षण में इस क्षेत्र में आयें । इस क्षेत्र में रोज़गार की कमी नहीं बल्कि रोज़गार की अनेक राहें खुलती जा रही हैं। यह कहना है गुरु जम्भेश्वर विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो मनोज दयाल का। वे मूलत: पटना(बिहार) के रहने वाले हैं। 
-आपकी शिक्षा दीक्षा कहां कहां हुई? 
-पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएशन भारतीय जनसंचार संस्थान(जे एन यू परिसर), नयी दिल्ली से तो आर्थिक पत्रकारिता में पीएचडी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से । 
-पहली नौकरी कहां? 
-हिंदुस्तान टाइम्स (अंग्रेज़ी), नयी दिल्ली में उप संपादक, एक साल तक । फिर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्राध्यापक चार साल तक । उसके बाद लगभग चार वर्षों तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पत्रकारिता विभाग में संस्थापक अध्यक्ष।
-हिसार में कब से? 
-सन् 1997 से । पहले प्राध्यापक, फिर प्रोसैसर और अब अध्यक्ष । बीच में कुछ समय सिरसा के चौ देवीलाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में भी अध्यक्ष लेकिन ज्यादातर समय हिसार में ही ! मानविकी व सामाजिक विज्ञान संस्थान का अधिष्ठाता भी। 
-पत्रकारिता के छात्रों में कमी क्यों? 
-नहीं, कमी नहीं बल्कि ज्यादा अवसर मिलने लगे हैं छात्रों को। अब पांच साल की डिग्री भी है। डीएन काॅलेज, हिसार व हांसी के काॅलेज में भी स्नातक स्तर पर पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू हो गये हैं। जींद व सिरसा के विश्वविद्यालयों में भी पत्रकारिता पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इनके अतिरिक्त निजी संस्थान भी पत्रकारिता का पाठ्यक्रम चला रहे हैं । 
-क्या क्या रोज़गार के अवसर हैं? 
-उप संपादक, रिपोर्टर, ग्राफिक्स, डिजाइनर आर्टिस्ट, न्यूज एजेंसी या फीचर एजेंसी चलाना, आकाशवाणी और दूरदर्शन संवाददाता बन सकते हैं।  अपनी विज्ञापन एजेंसी चला सकते हैं। 
-आपके विभाग के कुछ सफल व चर्चित पूर्व छात्र? 
-रोहित सरदाना, राकेश तनेजा, मीमांसा मलिक, शशि नायर, महेश सैनी, सूरज भारद्वाज, निशा सैनी, सुरभि भल्ला, रश्मि, अनुभूति यादव, मूर्ति दलाल और कपिल पंघाल आदि। 
--मीडिया के वर्तमान रूप पर क्या कहेंगे? 
-अर्थ को केंद्र में रख कर पत्रकारिता न करें बल्कि जनसंचार के माध्यम से समाज व देश को नया संदेश दीजिये। 
-क्या गुरुमंत्र नये छात्रों के नाम? 
-धन के आकर्षण मात्र से नहीं, समर्पण  भाव से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखिये, जिससे समाज को भी राह दिखाने वाले पत्रकार बन सकें !