पत्रकारिता समाज में रोशनी लाने का कार्य करे: निधीश त्यागी
फ्यूचर ऑफ जर्नलिज्म विषयक दो दिवसीय कार्यशाला शुरू।
रोहतक, गिरीश सैनी। पत्रकारिता का भविष्य विजुअल स्टोरी टेलिंग का है। मोबाइल पत्रकारिता, विडियो पत्रकारिता, यूट्यूब आधारित वैकल्पिक पत्रकारिता का स्पेस भविष्य में बढेगा। परंतु पत्रकारिता के मूल सरोकार वहीं रहेंगे। पत्रकारिता समाज में रोशनी लाने का कार्य करे, आग लगाने का नहीं। विद्यार्थियों को भविष्य की स्थिति का आकलन करते हुए पत्रकारिता करियर के लिए खुद को तैयार करना होगा। ये गुरूमंत्र प्रतिष्ठित पत्रकार, लेखक निधीश त्यागी ने सोमवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में दिया। फ्यूचर ऑफ जर्नलिज्म विषयक यह दो दिवसीय कार्यशाला आज प्रारंभ हुई।
निधीश त्यागी ने कहा कि पत्रकारिता का समावेशी होना, सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक राजनीतिक विविधता को समझना, सत्य-तथ्य आधारित होना, सूचनाओं के संज्ञान से असली खबर निकालना, सतह के तले की हकीकत को सामने लाना, तथा पूर्वाग्रह व दुराग्रह मुक्त होकर बात रखना हमेशा जरूरी रहेगा। पत्रकारिता घृणा फैलाने का माध्यम नहीं होना चाहिए, ऐसा उनका स्पष्ट मानना था।
निधीश त्यागी ने कहा कि भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए मीडिया के विद्यार्थियों को पाठक तथा दर्शक मानसिकता, बदलते रूझान तथा सामाजिक मनोविज्ञान को समझने की जरूरत है। विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी-संपन्न भी भविष्य की करियर यात्रा के लिए बनने की सलाह निधीश त्यागी ने दी। इस संवाद कार्यक्रम में निधीश त्यागी ने शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा एलुमनाई के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। पत्रकारिता का भविष्य एवं भविष्य की पत्रकारिता का सुंदर खाका उन्होंने अपने व्याख्यान में खींचा।
विभागाध्यक्ष प्रो हरीश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में पत्रकारिता का इतिहास गौरवशाली रहा है। पत्रकारिता बतौर मिशन स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जुड़ी रही। भविष्य में लोकतांत्रिक तथा संवैधानिक मूल्यों के लिए आवाज उठाने का कार्य पत्रकारिता को करना होगा।
सहायक प्रोफेसर सुनित मुखर्जी ने कार्यक्रम संचालन-समन्वयन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र-समाज के बुनियादी सवालों, गंभीर विषयों से पत्रकारिता को इंगेज होना होगा। लोकतंत्र का अस्तित्व पत्रकारिता की प्रभावी भूमिका पर भी केन्द्रित रहेगा। मीडिया विद्यार्थियों से क्रिटीकल थिंकींग कौशल विकसित करने की बात उन्होंने कही।
इस कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को सृजनात्मकता, लेखन कौशल, पत्रकारिता चिंतन तथा सरोकार, पत्रकारीय कंटेंट क्रिएशन पर मंथन होगा। विभाग के शोधार्थी जगरूप सिंह, अजय कुमार, कुलदीप, प्रिया, महिमा, आशु, साएमा, साहिल, एमडीयू एलुमनाई सुनित धवन, के एस मोबिन, पवन मल्होत्रा सहित विद्यार्थी इस दौरान मौजूद रहे।