फिल्म शूट होने वाली थी, रुकी और मैं पढ़ रही हूं मुंशी प्रेमचंद को: रश्मि सोमवंशी
फिल्म एक्ट्रेस रश्मि सोमवंशी के साथ पत्रकार कमलेश भारतीय की इंटरव्यू
अभी ज्यादा समय नहीं हुआ। जब रश्मि सोमवंशी हिसार आई थी और अपनी फिल्म छोरियां, छोरों से कम नहीं की रिलीज के भव्य समारोह में मुझे और बेटी रश्मि से मिली थी। बहुत हंसमुख। मिलनसार। आज याद आई तो फोन लगाया और वह एकदम से बोली -ओह। हिसारवाले जर्नलिस्ट भारती? इसी खुशी से हमारी बातचीत शुरू हुई। जन्म प्रतापगढ़ में लेकिन पढ़ाई लिखाई नोएडा में क्योंकि पापा बृजेश सिंह वहां नोएडा में कोई न कोई काम करते रहते। एमिटी में जर्नलिज्म कोर्स किया जिसमें फिल्म मेकिंग भी सीखी। ग्रेजुएशन में भी जर्नलिज्म रहा।
- कैसे बिता रही हो कोरोना काल?
-पहली मई से हमारी फिल्म की शूटिंग शुरू होनी थी जो स्थगित हो गयी। घर में, मुम्बई में मैं अकेली ही रहती हूं। खूब पढ़ती हूं। खासतौर पर मुंशी प्रेमचंद की कहानियां और नाॅवल गबन। खुद कविताएं लिखती हूं। एक फिल्म की स्टोरी भी लिख रही हूं। पता ही नहीं चलता कि कैसे दिन बीत जाता है।
-कोई फिल्म नहीं देखती?
-देखती हूं न। पर मैं एक्ट्रेस के साथ साथ कर्मा मीडिया एंटरटेनमेंट में डिजिटल मीडिया की हैड भी हूं। वह काम भी देखती हूं।
-मम्मी पापा क्या हक में थे कि बेटी एक्ट्रेस बने?
-देखिए कमलेश जी। राजपूत फैमिली से हूं। पढ़ाई लिखाई में सभी भाई बहनों से अच्छी थी तो पापा चाहते थे कि आईएएस बनूं। फिर एक्ट्रेस बनने चल पड़ी तो स्वाभाविक है थोड़े नाराज़ होते लेकिन अब सब समझते हैं और सही है। फिर मैंने पापा को मज़ाक में कहा कि देखो, छोरियां छोरों से कम नहीं में आईपीएस तो बन ही गयी। अब किसी फिल्म में आईएएस भी बन कर इच्छा पूरी कर दूंगी। ठहाका लगा दिया रश्मि ने।
-हरियाणवी बोली कैसे सीखी?
-हां। बात आपकी सही कि यूपी की पली बढ़ी कैसे बोली हरियाणवी। तो पहली फिल्म थी मेरी जी कुत्ता सै। वह भी हरियाणवी। राहुल दहिया ने बनाई थी। इसके बाद दूसरी फिल्म भी हरियाणवी मिली। पहले तो आधे से ज्यादा दोस्त हरियाणा से हैं और फिर निर्देशक राजेश बब्बर ने हमारी पंद्रह दिन की वर्कशाॅप लगाई जिसमें हरियाणवी बोलना सिखाया। दादा बने गौतम भी सिरसा के ही थे। अब दुख है कि उनका निधन हो गया यहीं मुम्बई में। मैं उनके अंतिम संस्कार में भी गयी।
-और कौन सी फिल्म या सीरियल में काम किया?
-टीवी शो -बिन कुछ कहे। इंग्लिश फिल्म में भी। वेब शो थिंकिस्तान के चौबीस एपिसोड में। अभी तीन फिल्में अनुबंधित की हैं और बड़ा कमर्शियल ब्रेक मिलेगा।
-फिर हिसार के जर्नलिस्ट भारती को याद रख पाओगी?
-कैसी बात करते हैं? हमेशा याद रखूंगी।
-इच्छा?
-खुद फिल्म बनाने की। लिख भी रही हूं स्टोरी।
हमारी शुभकामनाएं रश्मि सोमवंशी को।