ओलम्पिक स्थगित होने से निराश नहीं हूं बल्कि प्रैक्टिस का समय और मिला: एकता भ्याण
हिसार की रियल लाइफ हीरोइन एकता भ्याण के साथ कमलेश भारतीय की इंटरव्यू
हमारे हिसार की रियल लाइफ हीरोइन कहता हूं मैं एकता भ्याण को। शायद किसी को यह अतिश्योक्ति न लगे। न्यू यशोदा स्कूल की छात्रा जब कोचिंग लेने पहले ही दिन दिल्ली अपनी क्लासफैलोज के साथ गयी तो ऐसे भयंकर हादसे का शिकार हुई कि नौ माह तक अस्पताल में रही तब जिंदगी मिली लेकिन वैसी नहीं। बहुत मुश्किल टाॅस्क जैसी। पर एकता ने हिम्मत न हारी। ऊपर वाले के मुश्किल टाॅस्क को हंसते हंसते पूरा करने में जुटी हुई है। सपने देखने नहीं छोड़े। आज वह जिला सचिवालय में एसिस्टेंट रोज़गार अधिकारी के पद पर तैनात है और वर्क फ्राम होम कर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। इसके अतिरिक्त एकता ने पैरा गेम्स में अपना नाम बनाया है। इन दिनों वह ओलम्पिक पैरा गेम्स की तैयारियों में व्यस्त थी कि कोरोना के चलते यह विश्वस्तरीय प्रतियोगिता स्थगित हो गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक एकता भ्याण का जिक्र अपनी मन की बात में कर चुके हैं।
-तो क्या स्थगित होने से निराशा हुई?
-नहीं। कोई निराशा नहीं। बल्कि प्रैक्टिस के लिए समय मिल गया। मैं ऐसा सोचती हूं।
-फिर क्या कर रही हो और कोरोना का समय कैसे बिता रही हो?
-मैं अपनी प्रैक्टिस सुबह शाम कर रही हूं। टाइम टेबल बना रखा है। कुछ योगा करती हूं। अपना पुराना शौक पेंटिंग बनाना भी पूरा कर रही हूं। वीकेंड एंड पर मूवी देखती हूं।
-कौन सी देखी?
-थप्पड़। तापसी पन्नू की एक्टिंग बहुत शानदार है।
-हाॅल में कौन सी फिल्म देखी थी?
-छोरियां छोरों से कम नहीं। बहुत पहले जब इसकी रिलीज हुई थी सिटी माल में।
-कौन सी एक्ट्रेस पसंद है?
-बस। कोई खास नहीं। जो फिल्म देख ली वही।
-कितने मेडल जीत चुकी अब तक?
-आठ नेशनल तो चार इंटरनेशनल। जर्मनी में एक, तनीशिया में दो तो जकार्ता में एक। चार गोल्ड मेडल।
-आपकी प्रेरणा कौन?
-पापा बलजीत भ्याण और मम्मी। खेलों में मेरे कोच अमित सरोहा।
हमारी शुभकामनाएं एकता भ्याण को।