चोर की मां को मारो न कि मकान गिराओ
कमलेश भारतीय द्वारा।
यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे का किलानुमा आलीशान मकान पीले पंजे वाली मशीन से यूपी सरकार के आदेश से तोड़ दिया गया । इससे क्या होने वाला है ? नयी दिल्ली में या फिर हुसैन के मकान को भी पुलिस ने कब्जे में ले रखा है जिस हुसैन पर आईबी अधिकारी को बुरी तरह मारकर नाले में फेंकने का आरोप है । पर विकास पर तो सीधा इल्जाम है आठ पुलिस कर्मियों को बेरहमी व धोखे से मार गिराने का । दोनों फरार हैं । अभी तक विकास की कोई खबर नहीं । सौ टीमें ढूंढने निकली हैं पर कोई आगे क्यों बढ़ेगा ? कहीं गोली के शिकार न हो जायें , यह खौफ तो सताता ही रहेगा । इसीलिए कहते हैं कि चोर को नहीं , चोर की मां को मारो । यहां तो विकास दुबे की मां सरला भी डंके की चोट कह रही हैं कि विकास मिल जाये तो ठीक नहीं तो इसे एनकाउंटर में मार गिरायें । इतनी बुरी तरह परेशान है मां अपने इस विकास जैसे लाल से । सबसे हैरान कर देने वाली बात कि विकास के घर से सरकारी नम्बर वाली एम्बेसेडर कार भी खड़ी मिली यानी अपने खौफ को सरकारी कार से छिपा लेता होगा विकास । उसके एक फोन नम्बर पर कम से कम चालीस पुलिस कर्मियों के मोबाइल नम्बर भी मिले हैं । ये सब काली भेडें हैं । इनमें से सिर्फ एक को संदेह के आधार पर सस्पेंड किया गया है ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण के बाद का भाषण भी बार बार सुनाया जा रहा है कि यह यूपी शांतिप्रिय लोगों के लिए है । दूसरे लोगों के लिए नहीं । उनका यहां कोई स्थान नहीं । वे यूपी छोड़ चर चले जायें । पर यूपी नहीं छोड़ी बल्कि आठ पुलिस कर्मी मार गिराये । इससे ज्यादा क्या कर सकता था विकास ? अब फिर ऑपरेशन क्लीन चलाये जाने के आदेश दिये गये हैं । एनकाउंटर होंगे । आम नागरिक में विश्वास बनाने के लिए पर पुलिस बल में विश्वास कैसे लौटेगा? यह सोचने की बात है । फिर यह बात भी उठ रही है कि गांव में बिजली किसने गुल की ? पुलिस की काली भेडों ने या बिजली विभाग ने ? अभी इसकी छानबीन जारी है । बड़ी बात जो उठ रही है कि क्या राजनेता अपना प्रभाव बनाने के लिए इन लट्ठ और बंदूकधारियों का साथ छोड़ेंगे या नहीं ? हरियाणा में शराब माफिया कैसे पनपा ? राजनीति के सहारे ही न ? अभी अभय चौटाला भी कह रहे हैं कि हरियाणा में भाजपा सरकार की देन है यह । सोचने विचारने की बात है । बाबू जी , पूरी भागीदारी बरोदा उप चुनाव में देने की बात कर रहे हो और यह भी कि क्या चाहते हो ? पूरी भागीदारी या विरोध सरकार का ? इससे पहले आप शराब के माफिया पर नियंत्रण कीजिए ।