कोयल की मीठी आवाज़ तक सुनाई देने लगी :  मेघना मलिक 

कहा, माली, कामवाली से लेकर हर रोल निभा रही हूं लाॅकडाउन में

कोयल की मीठी आवाज़ तक सुनाई देने लगी :  मेघना मलिक 
मेघना मलिक।

-कमलेश भारतीय 
कोरोना के संकट और लाॅकडाउन के चलते प्रकृति निखरने लगी है और यहां तक कि कोयल की मीठी आवाज़ तक सुनाई देने लगी जिसे सुनने के लिए हम लोग तरस गये थे । यह कहना है -न आना इस देस मेरी लाडो की अम्मा जी के रूप में लोकप्रिय कलाकार मेघना मलिक का । वे करनाल में अनफेयर एंड लवली फिल्म की शूटिंग कर रही थीं कि मुम्बई से एसोसिएशन का फोन आ गया कि कोरोना के चलते पैकिंग करो । बाकी लोग तो मुम्बई चले गये जबकि मैं अपनी मम्मी कमलेश मलिक के पास सोनीपत घर आ गयी । यह बता दूं कि श्रीमती कमलेश मलिक दैनिक ट्रिब्यून के समय से मेरी  पारिवारिक सदस्य हैं । वे यात्री निवास में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में आई थीं जिसमें भीष्म साहनी और नामवर सिंह जैसे लोगों को सुनने का मौका भी मिला था । तब तो शायद मेघना छोटी बच्ची ही थी । इसलिए अधिकारपूर्वक कमलेश मलिक जी को कहा कि मेघना से बात करवाइए और वह भी एक प्यारी भतीजी की तरह मान गयी ।
-मम्मी के पास आकर कैसा समय बिता रही हो ?
-पहले तो यह कि हमारे पापा आर एस मलिक का फरवरी में ही देहांत हुआ जिससे मैं चाहती थी कि मम्मी के साथ ज्यादा समय बिता सकूं । 
- मम्मी पापा ने दोनों बेटियां होने पर क्या संस्कार दिए?
- मम्मी और पापा दोनों प्रोफेसर थे । मम्मी प्रिंसिपल भी । पढ़ाई के लिए तो दबाब रहा लेकिन आत्मनिर्भर बनने के संस्कार दिए । पुस्तक भी खरीदनी होती तो हमें पैसे दे देते कि खुद खरीद कर लाओ । वही ट्रेनिंग या संस्कार काम आ रहे हैं । मैं घर में इलैक्ट्रीशन से लेकर माली और ब्यूटीशियन तक का काम कर रही हूं । यहां तक कि छत पर चढ़ कर पानी की टंकी की सफाई भी कर दी । 
-पापा का अंतिम संस्कार भी तो आप बेटियों ने ही किया ?
- जी । हम बेटियों ने ही । फर्क क्या है बेटी या बेटे में ? समाज को यह सोच डेवलेप करनी चाहिए ।
-आपकी जिस फिल्म की शूटिंग चल रही थी उसमें कौन कौन हैं ?
-रणदीप हुड्डा, एलियाना डिक्रूजा और मैं । 
-क्या रोल है ?
-चुलबुली बुआ का । काॅमेडी रोल । 
-क्या पहली बार कड़क अम्मा काॅमेडी में ?
-नहीं । दूसरी । परिणति चोपड़ा के साथ साइना नेहवाल की  बायोपिक में भी थोड़ा हास्य का पुट है । 
-यशपाल शर्मा की ड्रीम फिल्म लखमीचंद में क्या रोल है ? मुहूर्त पर आपको मिला था जमाल गांव में । 
-लखमीचंद की मां के रोल में । अंग्रेजी मीडियम में भी छोटी भूमिका में हूं और सन्नी द्योल के बेटे की फिल्म पल पल दिल के पास में भी । मिर्जापुर वेबसीरीज में भी ।  
-यशपाल शर्मा की लखमीचंद फिल्म के बारे में क्या कहेंगी ?
-यशपाल शर्मा ने बहुत महत्त्वपूर्ण काम किया है । हरियाणा की ज़मीन से जुड़े कलाकार का परिचय नयी पीढ़ी को देने जा रहे हैं । लम्बे समय के रिसर्च के बाद फिल्म बनाने जा रहे हैं । इसमें न केवल हरियाणा के कलाकारों को अवसर दिया बल्कि तकनीशियनों को भी । अभी पहला पार्ट बनाया है । वायरस का आतंक खत्म हो ताकि यशपाल की फिल्म सिनेमा हाल में पहुंच सके ।
-घर में रह कर क्या क्या काम कर रही हो मेघना ?
-पालक , धनिया , पुदीना तक लगाया है । इलेक्ट्रीशन से लेकर ब्यूटीशियन तक । काम वाली से लेकर माली तक । हर रोल में फिट ।
- मम्मी क्या बना कर खिला रही हैं ?
-पालक का साग , मिस्सी रोटी और अचार । 
-मीमांसा आईं क्या मिलने ?
-कैसे आ पाती ? लाॅकडाउन के चलते और जी न्यूज की ड्यूटी । वह मीडिया के मोर्चे पर डटी है ।