समाचार विश्लेषण/फिर बाबा के यौन शोषण की कहानी
-*कमलेश भारतीय
फिर एक बाबा के यौन शोषण की कहानी सामने आई है । बेशक इसका अंत थोड़ा दुखद है क्योंकि बाबा ने इस डर से आत्महत्या कर ली कि जब उनका शिष्य इससे जुड़ा वीडियो वायरल कर देगा , फिर उनका क्या सम्मान रह जायेगा ? वे अपने श्रद्धालुओं को क्या मुंह दिखायेंगे ? यह दुखद कथा है उत्तर प्रदेश के महंत नरेंद्र गिरि की जिन्होंने यह सोच कर आत्महत्या कर ली कि यदि शिष्य आनंद वीडियो वायरल कर देगा तो वे किस किस को सफाई देते फिरेगे? इससे अच्छा है अपनी इहलीला ही समाप्त कर लूं और कर ली । अब मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी कह रहे हैं कि दोषी कोई भी हो , बख्शा नहीं जायेगा । दोषी यानी शिष्य आनंद गिरि व एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है । पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मांग कर रहे हैं कि हाईकोर्ट के जज से जांच करवाई जाये ।
यह पहला कांड नहीं है जो बाबाओं द्वारा यौन शोषण से जुड़ा हुआ है । आसाराम , राम रहीम , बृजेश्वरानंद, नित्यानंद और अब नरेंद्र गिरि सभी इसी तरह के कांडों में फंसे और धर्म के तथाकथित आश्रमों को कलंकित किया । आसाराम व राम रहीम ने तो आगे बढ़ कर अपने खिलाफ गवाहियाँ देने वालों को भी धमकाया या उन पर हमले करवाये । ये कैसे संत रहे ? देखा जाये तो एक प्रकार से गिरोह चलाने वाले माने जा सकते हैं । बृजेश्वरानंद ने भी कोशिश की लेकिन सफल न हुए । नित्यानंद को तो हिमाचल से गिरफ्तार कर भी जमानत मिल गयी और नित्यानंद नित्य वही गतिविधियां चलाने लगे हैं । राम रहीम भी पूरी कोशिश में है कि किसी तरह जेल से बाहर निकल कर फिर गाऊं-यू आर माई लव चाॅर्जर ,,,पर पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल उनकी कोशिशों पर तुरंत पानी फेर देते हैं हाईकोर्ट का द्वार खटखटा कर । आसाराम की न जाने कितनी दीवालियां जेल में कट गयी हैं और वे भी बहुत हाथ पैर मार रहे हैं कि किसी तरह बाहर निकल सकूं ।
यह हमारे धर्मांध भक्तों की वजह से इतने सारे घिनौने कांड कर पाते हैं और अकूत सम्पत्ति बना लेते हैं । इसके बावजूद नरेंद्र गिरि मामले में शक यह है कि कहीं आनंद गिरि ने हनी ट्रैप में न फंसा लिया हो और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी हो । इस अकूत सम्पत्ति को जब तक समाज के लिए उपयोग नहीं करेंगे तब तक ऐसे मामले सामने आते रहेंगे । जनता को आंख खोल कर ही इन आश्रमों का रुख करना चाहिए । वैसे भी परमात्मा सब जगह है और आपके ही अंदर है , फिर बाहर क्या ढूढे रे बंदे...?
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।