समाचार विश्लेषण/पैसा वसूल नहीं सौ करोड़ रु वसूल
-कमलेश भारतीय
प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म में काम किया-पैसा वसूल । इससे हो सकता है महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को प्रेरणा मिल गयी पर उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम रखा-पैसा नहीं सौ करोड़ रुपये वसूल । यह टार्गेट महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर परमजीत सिंह को दे दिया लेकिन जब मनचाहा न मिला तो धरमवीर सिंह को पुलिस से हटा कर महाराष्ट्र की होम गार्ड्स में भेज दिया । बस । परमवीर सिंह ने तुरंत एक चिट्ठी लिख कर इस गुप्त रहस्य को मीडिया में उजागर कर दिया । इससे एक प्रकार से बम फूटने जैसा काम हुआ । एनसीपी प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को अपनी पावर कम होने का अहसास हुआ और बोले अभी आरोप लगे हैं , सबूत नहीं कोई और कोई फैसला नहीं हुआ । ल्यो, अगर सबूत होते तो फिर आरोप क्यों लगाते? आरोप हैं और विपक्ष मांग कर रहा है कि अनिल देशमुख को पद से हटाया जाये । नहीं तो देशमुख जांच को प्रभावित कर सकते हैं । यह राजनीति का एक नया घिनौना चेहरा उजागर हुआ है । पैसा किससे वसूलना था ? बार और रेस्तराओं से । कितना ? एक सौ करोड़ रुपये प्रति माह । हद है न ? क्या यह पैसा अकेले देशमुख को जाता या राकांपा के पार्टी फंड में ? अरे यार । अभी मिले हैं या नहीं ?
राजनीति और हफ्ता वसूली आम जीवन में एक कड़वी सच्चाई बन चुके हैं । डाॅन क्या करता आ रहा है? वसूली ही न ? फिल्मी सितारों से अबू सलेम के माध्यम से वसूली ही तो की जाती थी । आज कोई और होगा । कविता कृष्णमूर्ति जैसे सितारे तक डाॅन की महफिल में गाने जाते थे । यह भी एक प्रकार की वसूली थी । मंदाकिनी का तो करियर ही तबाह हो गया । एक फोटो क्या आई कि मंदाकिनी की ओर किसी ने देखा तक नहीं । मोनिका बेदी को तो अबू सलेम संजय बन कर ले उड़ा और उसका करियर भी खत्म ।
वैसे फिल्मी दुनिया में नायक से खलनायक किसने बनाया संजय दत्त को ? डाॅन ने ही । यदि सुनील दत्त जैसा पापा ने अपनी सारी ताकत न झोंक दी होती तो आज भी संजय दत्त कहीं जेल में पड़े मिलते । पैसा वसूल मुम्बई में आम बात है पर पुलिस भी पैसा वसूलेगी , ये नये आदेश हो सकते हैं । अब विपक्ष के हाथ कुछ तो लग गया है । शरद पवार कह रहे हैं कि सरकार अस्थिर नहीं होगी लेकिन इसकी जांच मुख्यमंत्री को करवानी चाहिए । बिल्ली जब दूध के सिरहाने बैठी होगी तो जांच कैसे होगी ? पहले बिल्ली को तो हटाओ ।