केजरीवाल ने मिशन इंडिया नम्बर वन बनाने का किया श्रीगणेश
केंद्र की जिम्मेदारी पानी का इंतजाम करने की न कि पंजाब व हरियाणा को लड़ाने की : अरविंद केजरीवाल
-कमलेश भारतीय
इंडिया नम्बर वन बनाने के मिशन नर निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एसवाईएल के मुद्दे पर कहा कि पानी का इंतजाम करना केंद्र की जिम्मेवारी है न कि पंजाब व हरियाणा को आपस में लड़ाने की ! चाहे पंजाब हो या हरियाणा पानी दोनों को चाहिए । दोनों राज्यों में जलस्तर बहुत नीचे जा चुका है । मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि पानी का इंतजाम करें । यदि मुझे बातचीत के लिए बुला लें तो मैं इसका हल बता दूंगा ।
असल में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल पूछा गया था कि क्या आप हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के लिए केंद्र द्वारा बुलाई बैठक में जायेंगे ? इस पर भगवंत मान ने कहा कि बिल्कुल जबकि आगे का जवाब केजरीवाल ने दिया ।
आज अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान दोनों एकसाथ इंडिया नम्बर वन मिशन की शुरूआत करने हिसार आये । ये दो दिन यहां रहेगे । कल मंडी आदमपुर में तिरंगा यात्रा भी निकाली जायेगी ।
शुरू में मीडिया से रूबरू होते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमारा देश नम्बर वन क्यों नहीं ? हमारे देश में अच्छी शिक्षा व्यवस्था क्यों नहीं ? हमारे देश में क्या नहीं है -नदियां हैं , पहाड हैं, खनिज पदार्थ किसी चीज की कोई कमी नहीं , फिर भी देश नम्बर वन क्यों नहीं ? इसका कारण हमारे देश की गंदी राजनीति है । यदि यही राजनितिक परिदृश्य रहा तो अगले पचहत्तर साल तक भी यह देश नहीं बदल पायेगा । इसीलिये हम पार्टीबाजी से ऊपर उठकर देश को नम्बर वन बनाने के मिशन पर निकले हैं । हमारी प्राथमिकता शिक्षा , स्वास्थ्य होगी जैसे हमने दिल्ली में किया । प्रधानमंत्री ने 14, 500 स्कूलों को अपग्रेड करने की घोषणा की है , इसके लिए बधाई देते हरियाणा सरकार द्वारा बंद किये गये 190 सरकारी स्कूलों पर चिंता जताई । सरकारी स्कूलों को बंद करने की इसे साजिश करार दिया । गरीब व ग्रामीण क्षेत्र के देश के अठारह करोड़ बच्चे कहां जायेंगे ? गंदी राजनीति और सड़ी गली व्यवस्था को बदलने में सहयोग मांगा ।
कुलदीप बिश्नोई पर करारा हमला बोलते कहा कि पहले कांग्रेस में भी विधायक थे , अब भाजपा में भी विधायक बनने की लड़ाई होगी । लेकिन इसमें जनता का क्या भला होगा ? कुलदीप बिश्नोई को तो अपने केस रफा दफा करवाने हैं , उसे जनता से क्या लेना देना ? जनता के पास वोट मांगने नहीं अपने केस रफा दफा करवाने के लिए जायेगा । इस तरह मंडी आदमपुर का मोर्चा आते ही खोल दिया । मंडी आदमपुर उपचुनाव के प्रति आप पार्टी गंभीर है , यह संकेत भी दे दिया ।
यह भी बहुत दिलचस्प है कि जहां आज कांग्रेस के राहुल गांधी केरल से भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर रहे हैं , वहीं केजरीवाल ने अपने ही गृह राज्य हरियाणा से इंडिया नम्बर वन मिशन की शुरूआत की । यही नहीं गुजरात माॅडल के मुकाबले दिल्ली विकास माॅडल प्रस्तुत किया । दूसरे भाजपा के मेक इन इंडिया के मुकाबले इण्डिया नम्बर वन नारा दिया ।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पीली पगड़ी में पुराने रूप में ही आए और कहा कि जब हम बच्चे थे तो एक गाना टीवी पर चलता था -मिले सुर मेरा तुम्हारा ! तो सुर बने हमारा! वही सुर मिलाने आप पार्टी निकली है । यदि 130 करोड़ भारतवासियों का एक सुर मिल जाये तो यह देश नम्बर वन बन जायेगा । मान ने केजरीवाल को 'क्रांतिकारी मुख्यमंत्री' कह कर संबोधित किया । पंजाब की अब तक की कुछ खास उपलब्धियों की जानकारी भी दी । पंजाब में ब्रेन ड्रेन की आज भी समस्या बताया । भाषण व जुमलों से हटकर राजनीति करने का आह्वान किया ।
##बस हम दो ही काफी : मीडिया से रूबरू होते हुए सिर्फ दो ही कुर्सियां लगाई गयी थी -अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की । जैसे यह संदेश कि हम दो ही काफी हैं ! किसी भी अन्य पदाधिकारी को मीडिया के सामने अपने साथ नहीं बिठाया गया । प्रदेशाध्यक्ष को भी नहीं और प्रदेश प्रभारी को भी नहीं !
## ऐन मौके पर स्थान बदला : आप पार्टी ने पहले लोक निर्माण विश्राम गृह में मीडिया को आमंत्रित किया था लेकिन वहां जाने पर अग्रसेन भवन मे जाने को कहा गया । इस तरह पत्रकार पहले लोक निर्माण विश्राम गृह गये और बाद में अग्रसेन भवन । वहां भी सबसे अंतिम तीन नम्बर गेट पर जाने को कहा गया आई कार्ड दिखाने पर ही प्रवेश दिया गया । इस तरह पत्रकारों को खूब छकाया गया ।
## दूरी ज्यादा रखी : मीडिया और अरविंद केजरीवाल के बीच ज्यादा दूरी और सुरक्षा रखी गयी और बहुत कम सवाल कर पाये कि इतने में अरविंद केजरीवाल ने 'थैंक्यू कह कर अचानक मीडिया से विदा ले ली ।
##कड़ी सुरक्षा : चाहे अग्रसेन भवन , चाहे लोक निर्माण विश्राम गृह या फिर मिलेनियम पैलेस सब जगह कड़ी सुरक्षा देखने को मिली । इसलिए कुछ वर्करों ने अग्रसेन भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान थोड़ा विरोध भी जताया ।