समाचार विश्लेषण/केजरीवाल की टेंशन: एक ही पेंशन
-*कमलेश भारतीय
आप राजनीतिक दल को पंजाब के विधानसभा चुनाव में आशातीत सफलता मिलने के बाद हरियाणा के नेताओं में भी इसका आकर्षण एकाएक बढ़ गया और विभिन्न दलों के नेता इसमें शामिल होने का मन बनाने लगे । यही क्यों दूसरे प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस भी इन खबरों से चौकन्ने हो गये । अपने अपने घर संभालने में लग गये । `आप' की पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक नया फैसला लेकर सबको टेंशन में डाल दिया -एक विधायक , एक ही पेंशन । यानी एक पूर्व विधेयक एक ही पेंशन ले सकेगा । यह भी सब जानते हैं कि आप के विधायक ज्यादातर नये हैं और पहली पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं । यहां तक कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहली बार विधायक बने हैं । इससे पहले वे दूसरी बार संगरूर से सांसद बने थे । इसलिए पंजाब में इस योजना का स्वागत ही किया गया ।
हरियाणा में हाल ही में `आप' में शामिल हुए पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने भी घोषणा कर दी कि वे एक ही पेंशन लेंगे । वे अपनी बेटी चित्रा के साथ आप में शामिल हुए हैं । इस घोषणा ने हरियाणा के पूर्व विधायकों की टेंशन बढ़ा दी है क्योंकि मात्र एक बार की पेंशन 67000 रुपये से क्या बनता है ? इस तरह जो पूर्व मंत्री या विधायक आप में शामिल होने पर विचार कर रहे थे , उनके पांव थम गये हैं । हां , वे पूर्व मंत्री या विधायक जरूर `आप' में शामिल हो सकते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति बिना पेंशन के भी मजबूत होगी । इस तरह जो आकर्षण पैदा हुआ था `आप' का उसको ब्रेक लगा दिया एक विधायक , एक पेंशन के नये नये उसूल ने । इससे `आप' की और अरविंद केजरीवाल की टेंशन भी जरूर बढ़ेगी । हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस मजबूत है और इसी पार्टी की सरकार बनेगी । पिछले बार विधानसभा चुनाव में हरियाणा में `आप' का प्रदर्शन जीरो था । इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ।
अब आने वाले दिन और विधानसभा चुनाव ही बतायेंगे कि आखिर आप हरियाणा में कितना आगे बढ़ती है या फिर यह नयी नयी योजना इसके आगे बढ़ने में कोई रुकावट बन जाते हैं ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।