खुशी प्राप्ति की कुंजी सकारात्मक सोच में निहित हैः प्रो. वंदना शर्मा

विद्यार्थियों में क्रिएटिव सेल्फ एक्सप्रेशन को बढ़ावा देने के लिए सुख-सृजन कार्यशाला।

खुशी प्राप्ति की कुंजी सकारात्मक सोच में निहित हैः प्रो. वंदना शर्मा

रोहतक, गिरीश सैनी। कथा-कहानी हमारी जिन्दगी के साथ बचपन से जुड़ी होती हैं। ये कहानियां हमें जीवन में खुशियों का संसार रचकर देती हैं। पॉजिटिव स्टोरीटेलिंग हैप्पीनेस का रास्ता तय करने का सकारात्मक संदेश प्रतिष्ठित मनोविज्ञानी, विदुषी, स्टोरीटेलर एवं पंजाबी विवि, पटियाला की सेवानिवृत प्रोफेसर डा. वंदना शर्मा ने एमडीयू के मनोविज्ञान विभाग तथा हैप्पीट्यूड लेबोरेटरी द्वारा आयोजित सुख-सृजन कार्यशाला में दिया।

 

प्रो. वंदना शर्मा ने बेहद रोचक ढंग से कहानियों के जरिए खुशियों का रोडमैप साझा करते हुए कहा कि खुशी प्राप्ति की कुंजी सकारात्मक सोच में निहित है। कहानियां हमें दुनिया को समझने का, भावनाओं को अभिव्यक्त करने का, जीवन को अर्थपूर्ण तथा सार्थक बनाने में मददगार होती हैं। प्रो. वंदना शर्मा ने कार्यशाला में विभिन्न कहानियों को सुनाकर, आडियो विजुअल प्रेजेंटेशन से प्रतिभागियों से संवाद किया।

 

कार्यशाला के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रो. अंजलि मलिक ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में क्रिएटिव सेल्फ एक्सप्रेशन को बढ़ावा देना है। उन्होंने आमंत्रित वक्ता का परिचय दिया। आभार प्रदर्शन एवं समन्वयन मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर तथा हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री की प्रभारी डा. दीप्ति हुड ने किया।

 

समापन सत्र में निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने एक लघु कथा सुनकर जीवन के यथार्थ को सामने रखा। उन्होंने कहा कि अंत में हम सब एक कहानी बनकर दुनिया से जुदा होते हैं। जरूरत है कि अपने जीवन की कहानी की कथा हम खुद लिख पाएं। मंच संचालन शोधार्थी प्रतिभाग ने किया।