समाचार विश्लेषण/राजनीति में सफलता की कुंजी?
-*कमलेश भारतीय
राजनीति में क्या कोई सफलता की कुंजी होती है ? जैसी शिक्षा के क्षेत्र में प्रचलित हैं ? हर साल परीक्षा से पहले ऐसी सफलता की कुंजियां मार्केट में आ जाती हैं और धड़ल्ले से बिकती हैं । इन्हें गेस पेपर्स भी कहा जाता है यानी एक अनुमान कि ये सवाल परीक्षा में आ सकते हैं । तैयारी कर लीजिए ।
कुछ ऐसा ही अब राजनीति में होने लगा है । एक प्रशांत किशोर नाम का रणनीतिकार है जिसकी सेवायें विभिन्न राजनितिक पार्टियां लेती हैं और बदले में लाखों करोड़ों रुपये देती हैं । यह रणनीतिकार कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस तो आजकल तृणमूल कांग्रेस को अपनी सेवायें दे रहा है । गोवा से वायरल हुए इसके वीडियो ने धमाका कर दिया है जिसमें ये महाशय यह कहते सुने जा रहे हैं कि भाजपा कई दशक तक कहीं नहीं जाने वाली जैसे कभी कांग्रेस की मजबूत स्थिति थी । वे तृणमूल कांग्रेस के लिए रणनीति तैयार कर रहे थे और ये बात भी कही कि भाजपा जीते या हारे वह राजनीति के केंद्र में रहेगी । जैसा कि चालीस वर्ष तक कांग्रेस रही । भाजपा कहीं नहीं जा रही । यह मत सोचो कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज हैं , और वे उन्हें उखाड़ फेंकेंगे । हो सकता है मोदी को हटा दें लेकिन भाजपा कहीं नहीं जा रही ।
देखिए कमाल प्रशांत किशोर का । काम कर रहे हैं तृणमूल कांग्रेस का और गुणगान भी रहे हैं भाजपा के । ऐसे रणनीतिकार की सेवायें लेकर क्या करोगे ? यही प्रशांत पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के भी रणनीतिकार रहे और फिर भी यह नहीं जानते थे कि उनका भविष्य क्या है ? वे मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और कांग्रेस छोड़ कर नयी पार्टी बनाने पर गंभीर रूप से काम करेंगे तो काहे की सफलता की कुंजी ? यही प्रशांत किशोर पिछले दिनों चर्चा में थे जब कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं और आज शामिल हुए कि कल जैसी बात थी । बात कहां बिगड़ी और कहां नहीं, ये तो कांग्रेस और प्रशांत किशोर ही जानें लेकिन यह जो भविष्यवाणी की है , यह उसी बात से निकली है । यह साफ संकेत हैं । यहीं नहीं रुके । कहा प्रशांत किशोर ने कि राहुल गांधी सोचते हैं कि यह कुछ दिनों की बात है । लोग मोदी को नकार देंगे लेकिन ऐसा नहीं होने जा रहा है । वाह । इसे कहते हैं भविष्यवाणी...
कभी किसी रणनीतिकार ने अंदाजा लगाया था कि आपातकाल के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी और चौ बंसीलाल भी हार जायेगे ? कभी किसी रणनीतिकार ने अंदाजा लगाया था कि श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी और कांग्रेस इतनी लोकसभा सीटें ले जायेंगे और भाजपा दो सीटों तक सिमट जायेगी?
यह राजनीति है प्रशांत किशोर ....कोई भविष्यवाणी नहीं । सीधी बात है आप किसान आंदोलन को बहुत कमजोर समझ कर ऐसी भविष्यवाणी कर रहे हो जो बहुत बड़ी भूल होगी । जो महंगाई बढ़ती जा रही है क्या यह कोई रंग नहीं दिखायेगी ? यह आने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम ही बता देंगे कि आप कहां खड़े हैं और क्या कह रहे हैं ....
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।