“खालसा मेरो रूप है ख़ास” सुन निहाल हुई संगत

बैसाखी पर गुरुद्वारा सोमा शाह में कीर्तन समागम में जुटे श्रद्धालु।

“खालसा मेरो रूप है ख़ास” सुन निहाल हुई संगत

रोहतक, गिरीश सैनी। बैसाखी और खालसा साजना दिवस के पावन अवसर पर स्थानीय डीएलएफ कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा बाबा सोमा शाह में रविवार को एक विशेष कीर्तन समागम का आयोजन किया गया। दूर-दूर से पहुंची संगत ने दरबार साहिब में माथा टेक कर सुख-शांति की अरदास की। रंग बिरंगी लाइटों व विभिन्न प्रकार के फूलों से सजे दरबार हाल में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही।

हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह ने बताया कि सबसे पहले 11 अप्रैल को प्रारंभ किए गए श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। इसके बाद कीर्तन समागम में हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर ने अपनी मधुर वाणी में “इन्हीं की किरपा के सजे हम हैं”, “खालसा मेरो रूप है ख़ास” सहित अन्य शब्द पेश कर संगत को निहाल किया। भाई अमनदीप सिंह दिल्ली वाले ने “वड्डा मेरा गोविंद” तथा भाई सुखविंदर सिंह नाभा वाले ने “खालसा अकाल पुरख की फ़ौज”, “जय जय जग तारण” जैसे मनमोहक शब्द गाकर गुरु की महिमा का बखान किया और बैसाखी की महत्ता पर प्रकाश डाला।

नन्हे बच्चों प्रभजस सिंह, गगनदीप सिंह, नव्या, अंश, मनमीत तथा बीबियों के जत्थे ने भी कीर्तन किया। कीर्तन समागम उपरांत श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर अटूट बरताया गया। इस दौरान सरदार चरण शाह सिंह, गुरमीत शाह सिंह, सरदार लाभ सिंह, हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर, कुलदीप सिंह सोनी, सरदार हरिंद्र सिंह, वीरेंद्र गोसाई, हरजीत कौर, सोनिया, अरविंदर कौर, रविंदर कौर, सरदार जीत शाह, नेहा, इशिता, कपिल बजाज, पीयूष, मनीष बजाज, महेश चिटकारा, प्रीति, हरलीन कौर, सान्या सहित अन्य सेवादार व सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।