जीवन में ज्ञान ही सच्चे सुख का आधार: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
एमडीयू में पुस्तक विमोचन समारोह आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के विवेकानंद पुस्तकालय में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू के अर्थशास्त्र विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर डा. अजीत सिंह राणा की पुस्तक- अमृतज्ञान: सुख का आधार का विमोचन किया। हिंदी विभाग की सेवानिवृत अध्यक्षा डॉ. रामरति ने इस पुस्तक को संपादित किया है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि जीवन में ज्ञान ही सच्चे सुख का आधार है। जीवन की समस्याओं से निजात दिलाने में ज्ञान अहम भूमिका निभाता है। ज्ञान ही जीवन में सुख की अनुभूति करवाता है। उन्होंने लेखक प्रो. राणा और संपादक प्रो. रामरति को इस पुस्तक के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
कुलपति ने विवेकानंद पुस्तकालय को भी इस समारोह के आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये कार्यक्रम लेखक, प्रकाशक, साहित्यकार और पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जहां पुस्तक के महत्व, उसके विषय और लेखक की कड़ी मेहनत का सम्मान किया जाता है।
डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए. एस. मान ने कहा कि वैल्यू एजुकेशन में इस तरह की किताब विशेष भूमिका निभाती है। कुलपति के सलाहकार प्रो. ए.के. राजन ने पुस्तक की सामग्री पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थी, शिक्षक और आम आदमी के जीवन की चुनौतियों और उनसे पार पाने में अध्यात्म की भूमिका को इस पुस्तक में रेखांकित किया गया है।
विवेकानंद पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. सतीश मलिक ने समारोह के प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। प्रो. अजीत सिंह राणा ने अपनी पुस्तक- अमृतज्ञान: सुख का आधार बारे संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि यह किताब स्व परिवर्तन करने में कारगर है। डिप्टी लाइब्रेरियन डा. सीमा ने कार्यक्रम संचालन किया। प्रो. एन.के. स्वैन ने आभार जताया। इस दौरान प्रो. सुरेन्द्र कुमार, प्रो. मनोज सिवाच, डॉ. के.सी. डबास, प्रो. सत्यवान बरोदा, प्रो. सेवा सिंह दहिया, डॉ. राजीव जून, प्रो. प्रियंका सिवाच, डॉ. रामरति, डॉ. सूरत सिंह, राजीव शर्मा, वीरेंद्र मलिक, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी और शहर के गणमान्यजन मौजूद रहे।