भविष्य की तकनीकी दुनिया में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए एआई का ज्ञान जरूरीः कुलपति प्रो एच. एल. वर्मा

भविष्य की तकनीकी दुनिया में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए एआई का ज्ञान जरूरीः कुलपति प्रो एच. एल. वर्मा

बीएमयू में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पायथन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू।

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय बाबा मस्तनाथ विवि में डिजी सक्षम कार्यक्रम के तहत श्रम और रोजगार मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के सहयोग से पांच दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और पायथन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग और छात्र कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पायथन जैसे नवीनतम तकनीकी कौशल में दक्ष बनाना है। डिजी सक्षम कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, पायथन प्रोग्रामिंग सहित अन्य उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।    

 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)) की आधुनिक समाज में बढ़ती भूमिका पर कहा कि आज के युग में एआई जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है, और इसके बिना वर्तमान समाज में जीवित रहना कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पायथन जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से हर काम को कम समय में और अधिक सुचारू रूप से पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य की तकनीकी दुनिया में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए एआई  का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।

डिजी सक्षम की ओर से ट्रेनर मनीष मिश्रा ने पहले सत्र में एआई और उसकी विभिन्न एप्लीकेशन की जानकारी दी। दूसरे सत्र में विद्यार्थियों को पायथन प्रोग्रामिंग के बारे में बताया गया।

इस दौरान डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो सुधीर मलिक, डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग प्रो मुकेश सिंगला, डॉ अनिल डूडी, डॉ बनिता, डॉ कविता सहित अन्य प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।