स्वतंत्रता दिवस पर ललित बेरी की विशेष काव्य रचना
इकलौता देश दुनिया में
जो पुण्यभूमि कहलाता है।
देवभूमि ,तपोभूमि है वह
भारत महान कहलाता है।
संस्कार, संस्कृति मानवता का
पाठ सबको पढ़ाता है।
वेदों और पुराणों से
हर ओर ज्ञान फैलाता है।
भाषाएं जातियां, धर्म अनेक
अखण्ड भारत कहलाता है
मेरी प्यारी मातृभूमि को
देवलोक भी शीश नवाता है।