'पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में भाषा अध्ययन अनिवार्य हो'

'जनसंचार में भाषा की भूमिका' विषय पर वेबसंवाद

'पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में भाषा अध्ययन अनिवार्य हो'

चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय के जर्मन विभाग और हिंदी विभाग के कही अनकही विचार मंच द्वारा आज ऑनलाइन वेबसंवाद का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'जनसंचार में भाषा की भूमिका' था। इस वेबसंवाद में मीडिया विश्लेषक डॉ. कुमार कौस्तुभ मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने जनसंचार के माध्यमों में भाषा की क्या भूमिका है। इसके विभिन्न पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने आगे बताया कि आजकल देखने में आता है कि मीडिया के तकनीकी पक्षों की जानकारी तो विद्यार्थियों को होती है लेकिन भाषा का पक्ष कमजोर रहता है। इसका समाधान उन्होंने ये सुझाया कि पत्रकारिता के विभिन्न संस्थानों में  भाषा का एक प्रश्नपत्र अनिवार्य किया जाए। विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि ये बड़ी खुशी की बात है कि जर्मन विभाग ने हमारे साथ मिलकर यह कार्यक्रम किया है। हम आगे भी भाषा के अन्य विभागों के साथ मिलाकर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश करेंगे। 
जर्मन विभाग के डॉ. अर्जित दक्षी ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए बताया कि वे पिछले दो दशकों से विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं और मीडिया विश्लेषक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। मुख्य वक्ता के वक्तव्य के बाद प्रश्न उत्तर का सत्र हुआ। इसमें विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने हिस्सा लिया जिसमें रुचि, अलका कल्याण, मयंक, संजीव कुमार मौर्य, कु. उषा, मधु कुमारी, बोबीजा शर्मा और नवीन कुमार नीरज शामिल हैं। कार्यक्रम के अंत में जर्मन विभाग के प्रो. जीवन कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।