इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित 'ज्ञान पर्व' -अंतिम दिन
प्रयागराज; 27 अगस्त, 2023: मेजर ध्यानचंद छात्र गतिविधि केन्द्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान पर्व’ के अंतिम दिन की शुरुआत 'विचार का आईना' पुस्तक शृंखला पर केंद्रित परिचर्चा से हुई। इस सत्र में डॉ० बसंत त्रिपाठी, डॉ० सूर्यनारायण, डॉ० आशुतोष पार्थेश्वर, डॉ० विवेक निराला, डॉ० रमाशंकर सिंह और वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह जी उपस्थित रहे। इस सत्र का संचालन डॉ० विवेक निराला जी ने किया। इस सत्र में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए अब्दुल बिस्मिल्लाह जी ने 'विचार का आईना' पुस्तक शृंखला को आज के समय के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह किताबें विचारकों को किसी वर्ग में न बांटकर विचारों को एक समेकित दृष्टि से देखने का प्रयास करती हैं। मूलतः यह जीवन के विविध पक्षों पर बात करती किताबें हैं।
‘ज्ञान पर्व’ के छठे और आखिरी दिन का दूसरा सत्र काव्यपाठ का रहा जिसमें कई वरिष्ठ कवियों ने भाग लिया। इस सत्र में राजेंद्र कुमार, हरीश चंद्र पांडे, यश मालवीय, कविता कादंबरी इत्यादि उपस्थित रहे। इस सत्र का संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता जी ने किया।
तीसरा सत्र 'उत्तर कोरोना काल में सिनेमा' विषय पर परिचर्चा का रहा। इस सत्र में डॉ० सुरभि विप्लव, डॉ० अनिर्बन कुमार और डॉ० स्मृति सुमन वक्ताओं के रूप में उपस्थित रहीं।
डॉ. स्मृति सुमन जी ने कहा जब तक सिनेमा अपने समाज के अंतर्द्वंद्व से लड़ने को तैयार नहीं होगा, तब तक उसे उस सफलता नहीं मिलेगी।
‘ज्ञान पर्व’ के छठे और आखिरी दिन का अंतिम सत्र समापन सत्र का था। इस सत्र में अध्यक्ष के तौर पर अब्दुल बिस्मिल्लाह जी उपस्थित रहे। इस सत्र में अशोक माहेश्वरी जी, लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता जी और अमितेश जी उपस्थित रहे।
इस सत्र की शुरुआत में "मुखड़ा क्या देखें " उपन्यास के पेपरबैक संस्करण के विषय में जानकारी दी गई जिसका प्रकाशन राजकमल प्रकाशन द्वारा किया गया है। पहले यह उपन्यास केवल हार्डकवर में उपलब्ध था परंतु अब यह पेपरबैक में भी उपलब्ध है। वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल बिस्मिल्लाह जी ने उक्त उपन्यास से एक अंश का पाठ किया।
उसके बाद लक्ष्मण प्रसाद और अमितेश जी ने ज्ञान पर्व के दौरान आयोजित सभी कार्यशालाओं पर बात की और उसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताया।
इसके बाद कार्यशालाओं में प्रतिभागी रहे लगभग 300 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छह दिन चले इस ज्ञान पर्व में असंख्य पुस्तक प्रेमियों व विद्यार्थियों ने शिरकत करके आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।