विधि के विद्यार्थी बनें बेजुबान की आवाजः अधिवक्ता विनीत
ड्राफ्टिंग स्किल्स पर विशेष ध्यान दें विद्यार्थीः सुनित मुखर्जी।
रोहतक, गिरीश सैनी। भारत में किशोर न्याय (जुवेनाइल जस्टिस) का क्रियान्वयन बहुत प्रभावी नहीं है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। जरूरत है कि विधि के विद्यार्थी बेजुबान की आवाज बनें। बी द वॉयस ऑफ वॉयसलैस का मंत्र पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित अधिवक्ता विनीत कुमार ने एमडीयू के विधि विभाग में आयोजित विशेष व्याख्यान कार्यक्रम में दिया।
अधिवक्ता विनीत कुमार ने- जुवेनाइल जस्टिस: फ्रॉम थ्योरी टू प्रैक्टिस विषय पर यह व्याख्यान देते हुए कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट कानून अच्छा बना हुआ है, परंतु इसमें समाहित केयर एंड प्रोटेक्शन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जुवेनाइल को सामाजिक मुख्यधारा में शामिल करना भी अहम है। विनीत जाखड़ ने भारत में जुवेनाइल जस्टिस पर शोध की अधिकता की वकालत की। उन्होंने विद्यार्थियों को मानवीय बनने का परामर्श दिया। व्याख्यान उपरांत विनीत जाखड़ ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विधि विभागाध्यक्ष डा. जितेन्द्र ढुल ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम संयोजिका डा. अंजलि वर्मा ने कार्यक्रम संचालन किया, आमंत्रित वक्ता का परिचय दिया तथा अंत में आभार जताया।
इस कार्यक्रम में एमडीयू के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक पुस्तकें पढ़ ज्ञान विस्तारण करने तथा अपनी ड्राफ्टिंग स्किल्स पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने राष्ट्रीय बाल दिवस पर आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का स्मरण किया तथा नेहरू के विवि संबंधित विचार साझा किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती को पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर जवाहर लाल नेहरू के पोट्रेट पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम संयोजन एवं समन्वयन डा. अंजलि तथा डा. परविन्दर ने किया। इस दौरान डा. अनुसूया यादव, डा अश्विनी मोहन, डा. राहुल यादव, डा. ऋषभ यादव, डा. नीरज सांगवान, डा. सुमित, पीआरओ पंकज नैन, विधि विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।