व्यापार विरोधी नीतियों के विरुद्ध चन्नी सरकार को कुंभकरणीं नीद से जगाने के लिए व्यापारी बजायेंगे ढोल नगाड़े
लुधियाना, 12 दिसंबर, 2021: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल लुधियाना यूनिट की ओर से राज्य महासचिव सुनील मेहरा,जिलाध्यक्ष अमरिंदर सिंह मक्कड़ व सचिव सुरिंदर अग्रवाल ने कहा है कि चन्नी सरकार द्वारा व्यापारियों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सरकार ने अपने चुनाव मेनिफेस्टो में प्रोफेशनल टैक्स वापस लेने की घोषणा की थी परंतु अभी तक प्रोफेशनल टैक्स वापस नहीं लिया गया। प्रोफेशनल टैक्स की तलवार व्यापारियों के सिर पर अभी भी लटक रही है जिससे साबित होता है कि चन्नी सरकार की नियत में खोट है।
वहीं दूसरी ओर चन्नी सरकार ने 2 किलोवाट से लेकर 7 किलो वाट तक के बिजली कनेक्शन को तो राहत दी है परंतु 7 किलोवाट से अधिक पावर कनेक्शन ऊपर कोई राहत सरकार से नहीं दी गई जबकि पंजाब में लगभग 2 लाख 38 हजार के करीब व्यापारियों के 7 किलो वाट से ऊपर के कनेक्शन लगे हुए हैं। सरकार ने इस पर कोई घोषणा नहीं की है। उनको अब भी बिजली 11 रूपये प्रति यूनिट मिल रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से व्यापारियों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने की मांग के साथ महामारी के दौरान व्यापारियों से लिए हुए बिजली बिलों के पैसों को तुरंत वापिस करने की भी मांग की।
उन्होने कहा कि लुधियाना में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। प्रतिदिन बढ़ रही गैंगवार से लुधियाना के व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि लुधियाना भारत का मानचित्र है। यहां देश के विभिन्न राज्यों से व्यापारी समान की खरीद फरोख्त करने आते हैं। परंतु लुधियाना में प्रतिदिन बढ़ रही लूटपाट की घटनाओं से अब बाहर से आने वाला व्यापारी घबराने लगा हैजिससे यहां के व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है।वहीं चन्नी सरकार के गैंगवार पर काबू पाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार ने कोड ऑफ कंडक्ट से पहले प्रोफेशनल टैक्स वापिस न लिया और व्यापारियों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली नहीं दी तो चन्नी सरकार को कुंभकरणी नीद से जगाने के लिए जल्दी ही व्यापारियों द्वारा ढोल नगाड़े बजा कर पूरे पंजाब में धरने प्रदर्शन किए जायेंगे जिसकी पूरी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी क्योंकि कोरोनाकाल के दौरान भी पंजाब सरकार ने व्यापारियों को कोई राहत नहीं दी जबकि पंजाब में 55 प्रतिशत व्यापारियों के सहयोग से सरकार बनाई जा सकती है। पंजाब सरकार की व्यापार विरोधी नीतियों के कारण 55 प्रतिशत व्यापारियों में रोष की लहर है। पंजाब सरकार व्यापारियों को अनदेखा कर रही हैजिसका खामियाजा उसको आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।