सात दिवसीय कार्यशाला में साहित्यिक चोरी की मूल बातों पर दिया व्याख्यान
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के स्वराज सदन में नव प्रवेशित पीएचडी विद्यार्थियों के लिए आयोजित शोध प्रविधि विषयक सात दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने शोध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला का आयोजन फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज तथा फैकल्टी ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज द्वारा चौ. रणबीर सिंह सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान के तत्वावधान में किया जा रहा है।
इस कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर प्रो. देवेन्द्र सिंह ने बताया कि सुबह के सत्र में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के प्रो. निर्मल कुमार स्वैन ने साहित्यिक चोरी की मूल बातों पर एक रोचक व्याख्यान दिया। अगले सत्र में एनआईटी कुरुक्षेत्र के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जितेंद्र छाबड़ा ने विद्यार्थियों को उपयुक्त जर्नल के चयन और गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन लिखने की व्यवस्थित प्रक्रिया के बारे में बताया। दोपहर के सत्रों में दिल्ली विवि के प्रो. चंद्रकांत जग्गी ने तथा डीसीआरयूएसटी, मुरथल के रसायन विज्ञान विभाग की प्रो. सुमन लता ने शोध में नैतिकता और कॉपीराइट मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए शोध करने में ईमानदारी और विश्वसनीयता के बारे में शोधार्थियों को प्रेरित किया।
फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंसेज के डीन प्रो. एस.सी. मलिक, चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. संदीप मलिक और केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो. देवेंद्र सिंह ने विशेषज्ञ वक्ताओं का स्वागत किया। डॉ. कोमल जाखड़ ने मंच संचालन किया। इस दौरान सीडीओई निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल, कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्षा डॉ. प्रीति गुलिया, गणित विभाग से डॉ. अंजू पवार, कंप्यूटर साइंस विभाग से डॉ. अमरिंदर कौर, केमिस्ट्री से डॉ. संगीता यादव और साक्षी सहित शिक्षक व प्रतिभागी मौजूद रहे।