हिंदी-विभाग में व्याख्यान और कवि सम्मेलन का आयोजन

हिंदी-विभाग में व्याख्यान और कवि सम्मेलन का आयोजन

चंडीगढ़,28 फरवरी, 2025: आज हिंदी-विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में मौखिकी हेतु स्कूल ऑफ़ इंडियन लैंग्वेजेस, केरल विश्वविद्यालय से पधारे बाह्य परीक्षक प्रो. जयचंद्रन आर. द्वारा ‘केरल में हिन्दी की दशा’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने सर्वप्रथम केरल का भौगोलिक परिचय दिया। फिर उन्होंने बताया कि केरल में स्थित चौदह विश्वविद्यालयों में से अधिकतर विश्वविद्यालयों में हिंदी-विभाग मौजूद हैं जहाँ शोध कार्य कराए जा रहे हैं। लगभग दो सौ से भी अधिक महाविद्यालयों में हिंदी भाषा स्नातक,स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई जा रही है। साथ ही, केरल से हिंदी भाषा में शोध हेतु ‘शोध दर्पण’, ‘अनुशीलन’, ‘शोध प्रयाण’ तथा ‘साहित्य मंडल’, ‘शोध सरोवर’ जैसी पत्रिकाएँ भी लगातार प्रकाशित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि स्कूलों में हिंदी अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि, हिंदी वहाँ भी रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। हिंदी भाषा सीखने से उनकी अपनी मातृभाषा की शब्द संपदा विस्तृत हुई है। इस प्रकार प्रत्येक भाषा सहअस्तित्व की संभावनाओं को साकार करने में योगदान देती है। 

तत्पश्चात हिंदी साहित्य परिषद द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य हिंदी कविता का प्रचार प्रसार करना तथा नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना रहा। पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया। कार्यक्रम में हिन्दी विभाग की पूर्व शोधार्थी डॉ. अनुपमा तथा शोधार्थी राहुल ने अध्यक्ष तथा सहअध्यक्ष की भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में अरविंद कौशिक (सांखिकी-विभाग), नैनसी शर्मा ‘पवन’ (राजनीति शास्त्र-विभाग), अमन कम्बोज (स्नातकोत्तर, पीजीजीसीजी), रूपेश कुमार (यूआईएलएस-विभाग), ओजस्विनी सचदेवा (अंग्रेज़ी-विभाग), सुलेखा देवी (शोधार्थी, हिंदी-विभाग), नारायण सिंह भदौरिया ‘नवल’ (विद्यार्थी, हिन्दी-विभाग) तथा डॉ. अनुपमा ने अपनी स्व रचित कविताओं से समा बांधा। 

कविता वाचन के पश्चात् अध्यक्षीय टिप्पणी करते हुए शोधार्थी राहुल ने बताया किकविता अपनी लय, छंद, भाव, प्रतीक के कारण विशेष बनती है। अच्छी कविता लिखने के लिए पहले कविता को अच्छे से पढ़ना तथा समझना आवश्यक है। डॉ. अनुपमा ने सभी प्रतिभागियों को उत्कृष्ठ कविता वाचन के लिए शुभकामनाएँ दीं। 

अंत में विभागाध्यक्ष प्रो० अशोक कुमार ने प्रतिभागियों तथा श्रोताओं का धन्यवाद करते हुए सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर उनका प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम हिंदी-विभाग द्वारा युवा प्रतिभाओं को मंच देने का प्रयास है, जो आगे भी जारी रहेगा। कार्यक्रम के मंच संचालक की भूमिका एमए द्वीतीय वर्ष के विद्यार्थी पवन शर्मा ने निभाई।