बाल भवन प्रांगण में कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम आयोजित
रोहतक, गिरीश सैनी । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की चेयरपर्सन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन तथा प्राधिकरण के सचिव व सीजेएम अनिल कौशिक के निर्देशानुसार स्थानीय बाल भवन प्रांगण में बाल दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा एक विशेष निशुल्क कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पैनल अधिवक्ता राजबीर कश्यप, संदीप कुमार, बाबा मस्तनाथ लॉ कॉलेज से डॉ प्रमिला, डॉ नेहा आर्य व विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बच्चों के अधिकारों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों के अधिकारों के बारे में आज भी समाज को कम जानकारी है। बच्चों के अधिकारों से संबंधित घोषणा पत्र अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकारों के कानून में सबसे अधिक स्पष्ट व वृहद है। इसके 54 अनुच्छेदों में बच्चों को पहली बार आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक अधिकार एक साथ दिए गए हैं। भारत ने भी इस घोषणा का 11 दिसंबर 1992 को समर्थन कर दिया था।
उन्होंने बताया कि 41 बाल अधिकारों में से 16 बाल अधिकार जैसे कोई भेदभाव नहीं, मां-बाप की जिम्मेदारी, स्वास्थ्य सेवाएं, अच्छा जीवन स्तर, विकलांग बच्चों के लिए उचित व्यवस्था, नशे से बचाव, शिक्षा की व्यवस्था, सांस्कृतिक गतिविधियां, दुर्व्यवहार से रक्षा, अनाथ बच्चों की रक्षा, बाल श्रमिकों की सुरक्षा, बच्चो की तस्करी पर रोक, यौन शोषण से बचाव, किशोर न्याय का प्रबंध, शिक्षा का अधिकार इत्यादि अधिकार भारतीय बच्चों के संदर्भ में बहुत जरूरी है। इस अवसर पर बाल भवन में रह रहे बच्चों को मिठाई भी बांटी गई।