समाचार विश्लेषण/सोनाली फौगाट की चिट्ठी
-*कमलेश भारतीय
मैं सोनाली फौगाट बोल रही हूं । आप पूछेंगे कहां से ? अभी तो मुझे भी नहीं पता कि स्वर्ग से या कहां से लेकिन इस जहान से तो नहीं बोल रही । आप कह सकते हैं कि मेरी आत्मा अभी भटक रही है । अभी मेरे मामले की जांच चल रही है । रोज़ किसी सनसनीखेज धारावाहिक की तरह मेरी कहानियां बनाई जा रही हैं । खैर ! मैं भी तो जानती हूं इस ग्लैमर की दुनिया को । इसी ग्लैमर में रही ! इसी ग्लैमर की दुनिया का हिस्सा तो थी मैं ! मेरा जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ और ऊपर वाले ने जैसे बड़ी फुर्सत से मुझे बनाया और सभी कहते थे कि ये लड़की तो हीरोइन बनेगी एक दिन ! जैसे श्रीदेवी का एक गाना है -किसी के हाथ न आयेगी ये लड़की ! पर मुझे अपनी बहन के देवर से प्यार हो गया ! संजय नाम था । हम एक दूसरे को दिल दे बैठे ! घर परिवार वालों को पता चला तो हमारी शादी कर दी ! इस तरह हीरोइन बनने के सपने तो दूर रह गये ! इसके बावजूद मैंने हार नहीं मानी । मेरे प्रेमी और पति संजय ने भी मेरा साथ दिया । हिसार दूरदर्शन पर मैं एंकरिंग करने लगी । इस तरह मेरा सपना आकार लेने लगा । पर किस्मत ने यहां भी धोखा किया मेरे साथ ! मेरे पति मुझे छोड़कर चले गये । कहते हैं कि उनकी मौत रहस्यमयी रही ! अब आप देखिए मेरा इस दुनिया से जाना भी तो अभी तक रहस्यमयी ही है । खैर ! फिर मैं टिक टाॅक स्टार बन गयी । सबको मेरे वीडियोज बहुत पसंद आते और मेरे करोड़ों फैन्स बन गये । इस तरह सलमान खान ने मुझे बिग बाॅस में बुलावा भेजा , जिसे मैने खुशी खुशी स्वीकर कर लिया । एक एक एपीसोड की मुझे अच्छी फीस मिलती रही । वैसे पैसे के लिये मैं एक्टिंग नहीं करती थी । आप सब तो जानते ही हैं और अब तो बहुत सारे लोगों ने देख भी लिया होगा कि ढंढूर में हमारा कितना बड़ा और खूबसूरत फाॅर्म है ! यहां स्विमिंग पूल भी है और मैंने बढ़िया नस्ल के घोड़े, कुत्ते और बिल्लियां तक पाल रखी थीं । आपने वीडियो देखा होगा कैसे मैं अपनी प्यारी प्यारी बेटी यशोधरा के साथ बिल्ली के साथ खेल रही हूं ! कभी घोड़े की सवारी तो कभी कोई डांस ! बड़ी अच्छी ज़िन्दगी गुजर रही थी । मेरे मन में राजनीति में जाने की चाहत पैदा हुई और भाजपा ने मुझे मौका दिया । मंडी आदमपुर से टिकट भी दी । खूब काम किया लोगों के बीच गयी । एक बयान मेरा थोड़ा विवाद में आ गया कि यदि भारत माता की जय नहीं बोलते तो बताओ पाकिस्तान से आये ही क्या ? वैसे भी किसी राजनीतिक घराने के गढ़ को तोड़ना इतना आसान तो नहीं था लेकिन मैंने सेंध तो लगा दी थी और तैंतीस हजार से ऊपर वोट ले गयी थी । यदि जीवित रहती और फिर मौका मिलता तो यहीं से जीत कर दिखा देती । मेरा हौंसला नहीं डगमगाया था ।
पर इसी चुनाव में मेरे वर्कर के तौर पर मिले शख्स सुधीर सांगवान ने मेरी ज़िंदगी में ऐसी एंट्री ली कि धीरे धीरे मुझे अपने बस में बुरी तरह कर लिया । मेरी नन्ही सी बेटी यशोधरा ने बहुत समझाया कि मम्मी ! यह आदमी ठीक नहीं । इसकी नीयत ठीक नहीं । इसके इरादे अच्छे नहीं । पर मै मूर्ख खलकामी नहीं मानी अपनी बेटी की बात और अंधी होकर इस सुधीर के पीछे चलती रही । यह मुझे ब्लैकमेल करता रहा । मेरे फिल्मी और राजनीतिक कैरियर को तबाह करने का डर दिखाता गया और मैं इसकी कठपुतली की तरह नाचती रही । नाच्यो बहुत सोनाली ! फिर इसने मेरे फॉर्म हाऊस पर चोरी करवा दी । मेरे पुराने स्टाफ को निकालता गया ताकि मुझे कोई कुछ बता न दे । इस तरह से इसकी नज़र मेरे फॉर्म हाउस पर लग गयी । यह मेरे ऊपर दबाब डालने लगा कि इसे मुझे लीज पर दे दो । मेरी मर्जी के बगैर ही इसने कागजात तैयार करवा लिये और मैं तीन तीन बार तहसील दफ्तर गयी ही नहीं क्योंकि इसकी हर चाल अब मुझे समझ आने लगी थी । इसने जो फाॅर्म हाउस पर चोरी करवाई थी , उसके सबूत भी मुझे मिल गये थे और मैंने गोवा से अपनी बहन, मां और जीजा को भी सारी बात बताई थी कि हिसार आते ही इसे पुलिस को सौंप दूंगी । यह मुझे ड्रग्स पिला कर होटल से नाइट क्लब ले गया । इसके साथ इसका दोस्त सुखविंदर भी था । दोनों के साथ मैंने नाइट क्लब में डांस किया । आपने वीडियो देखा होगा लेकिन मेरी तबीयत बिगड़ती जा रही थी क्योंकि मुझे लगता है कि मेरे खाने में सुधीर ने कुछ मिला दिया था । मेरे हाथ पैर सुन्न होते जा रहे थे । मैं बुरी तरह लड़खड़ा रही थी । मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था कि कहां हूं और मेरे साथ क्या हो रहा है । यह सुधीर ऐसी हालत में भी जबरदस्ती मुझे बोतल में से ड्रग्स पिलाता रहा । अब पता चल रहा है कि यह ड्रग्स बारह हजार रुपये में खरीदी गयी थी मुझे इस हालत तक पहुंचाने के लिए । ड्रग पेडलर, रूम ब्बाॅय, क्लब मालिक सभी पकड़ लिये गये और मेरे हिसार स्थित फाॅर्म और संतनगर स्थित घर पर भी गोवा पुलिस जांच के लिए आई हुई है लेकिन इनकी जांच मेरी संपत्ति पर टिकी हुई है , मेरी मौत कैसे हुई ? इस पर नहीं । मुझे क्यों मारा गया ? इस पर नहीं । मेरी बेटी यशोधरा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास भी सीबीआई जांच की मांग करने गयी । उन्होंने सिर पर पर हाथ रख कर विश्वास भी दिलाया कि न्याय दिलवाने के लिए सीबीआई जांच के लिए गोवा के मुख्यमंत्री को लिखेंगे । गृह मंत्री अनिल विज भी इस बात के लिए सहमत हैं । फिर भी मेरी आत्मा अभी तक भटक रही है न्याय पाने के लिए ! कहां जाऊं ? मेरी छोटी सी बच्ची अनाथ हो गयी । बहुत दुख है मुझे । काश ! मैंने अपनी बेटी की बात मान ली होती । काश ! मैंने संधीर पर पर भरोसा न किया होता । काश ! मैंने अपने भाई बहनों के साथ पहले ही अपना दुख बांट लिया होता ! काश ! मैंने इतने ऊंचे सपने न देखे होते ! हर लड़की को अपनी सीमा, मर्यादा व परिवार के सम्मान की समझ अवश्य होनी चाहिए । यह मेरा एक संदेश है । हर बेटी को अपने सपने देखने और पूरे करने का हक है और इसके लिए उसे संघर्ष करना चाहिए । यही मेरे छोटे से जीवन का मंत्र है । साथ है । बाकी यह झूठा संसार है । मैं यहां से चली गयी ।
नफरत और लालच के भूखे भेड़िये हैं यहां इस संसार में ! क्या करूं? मेरी आत्मा तो उस दिन शांत होगी जब मेरे साथ ऐसे कांड करने वालों को सजा मिलेगी । मेरी नन्ही सी बच्ची मेरी अर्थी को कांधा दे रही थी और मैं ऊपर लेटी रो रही थी । मेरी नन्ही सी बच्ची के सिर पर पगड़ी की इतनी बड़ी जिम्मेदारी डाली जा रही थी और मेरी आत्मा खून के आंसू रो रही थी ! अब मैं फिर आऊंगी किसी दिन ! मेरा इंतजार करना !
आपकी सोनाली ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।