कौशल को रोजगार से जोड़ने से होगा स्वरोजगार का रास्ता प्रशस्तः सुनित मुखर्जी
महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला आयोजित।
दूबलधन (झज्जर), गिरीश सैनी। शिक्षा ही सशक्तिकरण की कुंजी है। उच्च शिक्षा, कौशल विकास तथा टेक्नोलॉजी सामर्थ्य विकास का रास्ता प्रशस्त करेंगे। जरूरत है कि विद्यार्थी कम्युनिकेशन, साफ्ट तथा लाइफ स्किल्स एवं इंफोर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलोजी में महारत हासिल करें। कौशल को रोजगार से जोडक़र स्व-रोजगार का रास्ता भी प्रशस्त होगा। ये उद्गार एमडीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक तथा निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने बुधवार को राजकीय महाविद्यालय, दूबलधन (झज्जर) में महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि व्यक्त किए।
राजकीय महाविद्यालय, दूबलधन के महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में सुनित मुखर्जी ने अपने प्रेरणादायी व्याख्यान में कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सॉल्यूशन्स के माध्यम से अनेकानेक उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं तथा स्वरोजगार किया जा सकता है। उन्होंने भारत में महिलाओं द्वारा प्रारंभ किए गए विभिन्न फूड समेत अन्य इनोवेटिव स्टार्टअप की जानकारी छात्राओं के साथ साझा की।
सुनित मुखर्जी ने बताया कि आज का युग क्रिएटीविटी तथा इनोवेशन का युग है। ऐसे में विभिन्न क्रिएटिव रोजगार अवसर छात्राओं के लिए उपलब्ध हैं। छात्राओं को कंप्यूटर तथा इंटरनेट क्षमता हासिल करने की सलाह उन्होंने दी। व्याख्यान उपरांत छात्राओं के करियर संबंधित सवालों के जवाब सुनित मुखर्जी ने दिए।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. कर्मवीर गुलिया ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस कार्यशाला के जरिए छात्राओं की कैपेसिटी बिल्डिंग का प्रयास किया जा रहा है। कार्यशाला समन्वयिका सहायक प्रोफेसर डॉ. सरला ने कहा कि छात्राओं का सशक्तीकरण इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। प्राध्यापक डॉ. रणदीप सिंह ने मंच संचालन किया। इस दौरान डॉ. सुमन सहित छात्राएं मौजूद रहीं।