साहित्यिक-सांस्कृतिक महाकुंभ 43 वें इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल का हुआ शानदार आगाज
महापुरुषों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय सरोकारों में योगदान दें विद्यार्थीः डॉ. शरणजीत कौर
रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विवि के 43 वें इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल ‘यूनिफेस्ट 2024’ का शानदार आगाज सोमवार को टैगोर सभागार में हुआ।
इस तीन दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक महाकुंभ के उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) की अध्यक्षा डॉ. शरणजीत कौर ने प्रतिभागी विद्यार्थियों का आह्वान किया कि कला, साहित्य, संगीत तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए पर्यावरणीय सरोकारों को समाज में प्रतिस्थापित करें। डॉ. शरणजीत कौर ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए सामाजिक-सामुदायिक तथा पर्यावरणीय ज्वलंत मुद्दों पर जनमत तैयार करने जरूरत है।
डॉ. शरणजीत कौर ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में विद्यार्थियों से भारत के प्रेरक महापुरुषों -स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद सरस्वती, शहीद भगत सिंह, बाबा साहेब डॉ अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय सरोकारों में योगदान देने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी तथा युवा समाज-देश की दशा-दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने उद्घाटन सत्र में सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज (सीडीसी) के विद्यार्थियों की गीत-नृत्य प्रस्तुति की सराहना करते हुए इसे समावेशी पहल बताया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि एमडीयू के विद्यार्थियों की सांस्कृतिक जगत तथा खेल जगत में गौरवपूर्ण उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि आज का दौर ‘क्रिएटिविटी तथा इन्नोवेशन’ का है। साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रतिभागिता से न केवल व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है, बल्कि मनुष्य की सृजनशीलता में अभिवृद्धि होती है। कुलपति ने साहित्य-कला-संस्कृति के जरिए सामाजिक सरोकारों से जुड़ने का आह्वान विद्यार्थियों से किया।
यूनिफेस्ट 2024 के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि प्रतिष्ठित उद्योगपति तथा समाज सेवी राजेश जैन ने पृथ्वी ग्रह के लिए कार्य करने की पुरजोर अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय प्रदूषण बेहद चिंताजनक है। विशेष रूप से वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है। बेहतर स्वास्थ्य तथा स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरणीय चेतना जागृत करने की जरूरत है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया। निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि यूनिफेस्ट 2024 का मंच साहित्यिक-सांस्कृतिक प्रतिभा प्रदर्शन के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव, अमन-शांति तथा सकारात्मक युवा शक्ति का संदेश देने का महापर्व है। आभार प्रदर्शन यूनिफेस्ट की आयोजन सचिव प्रो. दिव्या मल्हान ने किया। मंच संचालन डॉ. आरती चहल, डॉ. रवि प्रभात तथा डॉ. जोगेंद्र मोर ने किया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा के संयोजन में यूनिफेस्ट 2024 का आयोजन हुआ।
डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा, चीफ वार्डन (बॉयज) प्रो. सत्यवान बरोदा, चीफ वार्डन (गर्ल्स) प्रो. सपना गर्ग, निदेशक सीडीओई प्रो. नसीब सिंह गिल, प्रभारी सीडीएस डॉ. प्रतिमा देवी, डीन सीडीसी प्रो. विनीता हुड्डा, निदेशक यूसीएस प्रो. विनीता शुक्ला, निदेशक यूआईईटी प्रो. युद्धवीर सिंह, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, एसोसिएट डीन (सीडीसी) प्रो. सुमित गिल, एसोसिएट चीफ वार्डन प्रो. दलीप सिंह, प्रो. हरीश कुमार, डॉ. नीरू राठी, प्रो. आशीष दहिया, विभिन्न विभागाध्यक्ष, आयोजन समितियों के संयोजक एवं सदस्य, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय झज्जर डॉ. दलबीर हुड्डा, सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. शमशेर अहलावत सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्रभारी प्राध्यापक, टीम प्रबंधक, शोधार्थी, विद्यार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहे। यह तीन दिवसीय महोत्सव 20 नवंबर को संपन्न होगा।
विशेष झलकियां
• टैगोर सभागार में समूह नृत्य तथा समूह गीतों में भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखी।
• राधाकृष्णन सभागार में संस्कृत नाटकों का प्रदर्शन हुआ। वहीं, अभिभावकों, शिक्षकों तथा सैनिकों को समर्पित गीतों की प्रस्तुति हुई।
• डॉ अंबेडकर हॉल में गीत, गजल, भजन तथा शास्त्रीय संगीत की स्पर्धाओं के साथ हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में काव्य पाठ तथा संस्कृत संभाषण व श्लोकोच्चारण हुआ।
• टैगोर गैलरी में प्रतिभागियों ने ऑन द स्पॉट पेंटिंग, कार्टूनिंग तथा क्ले मॉडलिंग में हुनर दिखाया।