समाचार विश्लेषण/रसोई गैस सिलेंडर : होली है भई होली है
-*कमलेश भारतीय
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होते ही रसोई गैस सिलेंडर के दाम पचास रुपये बढ़ाने के समाचार आ गये । तीन राज्य नहीं , सारा देश हैरान कि यह होली का कैसा उपहार दिया है ! अच्छे दिन कितने करीब आ गये हैं और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बहुत याद आ रही हैं जिन्होंने मात्र पांच रुपये सिलेंडर महंगा होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चूड़ियां भेज कर सड़क के बीच बैठकर रसोई गैस सिलेंडर रख कर प्रदर्शन किया था । वे अब कहाँ चैन की नींद सो रही हैं ? महंगाई , बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के साथ साथ महिलाओं पर यौन शोषण के मामले दिन प्रतिदिन सामने आ रहे हैं । महिला मंत्री हों या महिला आयोग ये महिला उत्पीड़न पर खामोश हैं और मूकदर्शक बने हैं ।
बात रसोई गैस की करते हैं । बात महंगाई पर चली जाती है । बात महिला शोषण की करते हैं । बात खेलमंत्री की ओर चली जाती है । बात बात में से बात निकलती जाती है और निकलती ही चली जाती है । अब कांग्रेस कह रही है कि रसोई गैस की कीमत पांच सौ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए । हम आयेंगे तो पांच सौ रुपये ही रखेंगे !
पर देश में , प्रदेश में सिर्फ एक रसोई गैस सिलेंडर का ही रोना थोड़े है ! यहां तो नवनिर्वाचित सरपंच ईटेंडरिग का विरोध करने गये और दौड़ा दौड़ा कर पीटे गये ! पंचायत मंत्री परेशान हैं कि अजय सिंह और ओमप्रकाश धनखड़ अपना संगठन का काम छोड़कर उनको आलोचना कर रहे हैं और अजय सिंह जवाब में बबली को पागल कह रहे हैं ! संगठन और, सरकार आपस में टकरा रहे हैं ! क्या फ्रेंडली मैच है यानी नुरा कुश्ती ! ऐसी कुश्ती कहीं देखी है !
यहां तो महिला कोच परेशान है कि कोई उसकी सुनवाई नहीं कर रहा ! यहां तो चौ बीरेन्द्र सिंह भी परेशान हैं कि मेरी आवाज सुनी नहीं जा रही । इसलिये वे मेरी आवाज सुनो कार्यक्रम रखने जा रहे हैं ! हद है न ! कितने अच्छे दिन आये हैं । यह बताने के लिए कि मेरी आवाज सुनो , एक बड़ी जनसभा रखनी पड़ रही है ! आप वाले परेशान हैं कि मनीष सिसोदिया को जेल क्यों ? काग्रेस वाले प्रदर्शन कर अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांग रहे हैं ! आतिशी और सौरभ खुश हैं कि मंत्री बनेंगे ! ऐसे ही चल रही है दुनिया ! भाजपा परेशान है कि राहुल गांधी ने अपना लुक क्यों बदल लिया ? कांग्रेस परेशान है कि सत्ता तक कैसे पहुँचे ?
हिसार दूरदर्शन वाले परेशान हैं कि चंडीगढ़ शिफ्ट क्यों कर दिया और आकाशवाणी परेशान है कि कहीं हमारी हालत भी ऐसी न हो जाये !
किस किस को याद कीजिए
किस किसको रोइये
आराम बड़ी चीज है
मुंह ढांप के सोइये !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।