नज़म / मां कभी नहीं सोती / अश्विनी जेतली
मां सोती नहीं
मां कभी नहीं सोती
मां की कोख में था जब
हर समय मां बनने का अहसास उसे रहने लगा था तब
ख्यालों में मेरे नक्श तराशती
जन्म से ही पहले मुझे अपने ही वजूद में तलाशती
मुझ से बातें करती
रातों को जगती रहती
माँ कभी ना सोती
मां, मां बन गई
मेरे आने से गोद उसकी भर गई
झोली उसकी जैसे अनंत
खुशियों से भर गई
वंश आगे बढ़ने की फिक्र दूर हुई
पर एक फ़िक्र ने मां को सोने ना दिया -
कहीं उसके सोने पर मैं जाग ना जाऊँ, रोने ना लगूँ
मुझे छाती से लगाए निहारती, पुचकारती, दुलारती रहती
रात और दिन जागती रहती
मां कभी ना सोती
मेरे चारपाई का पाया थाम चलना सीखने के दिनों में
मां की नींद तो बिल्कुल ही उड़न-छू हो गई
मां आंगन में मेरे पीछे भागती
दिन भर और रात में जागती मुझे नन्हें से पग भरते देख खुश होती
'कहीं मैं गिर ना जाऊं'
इस डर से जागती रहती
मां कभी ना सोती
बचपन में जब कभी मुझे बुखार आता
ठंडी सर्द रातों में भी
मां का माथा पसीने से तरबतर हो जाता
मेरे माथे पर बर्फ की भीगी पट्टियों रखती
तमाम रात मेरे सिरहाने बैठा करती
पल भर भी ना सोती
मां कभी नहीं सोती
दिन भर घर के कामों में उलझी रहती
रातों को जागती रहती अगली सर्दियों के लिए मेरी खातिर सुंदर स्वेटर बुनती
तो कभी मेरी पसंद की सेंवियां गूँधती मां
कभी ना थकती
बस जागती रहती
मां कभी ना सोती
परीक्षा के दिनों, जब मैं जगता पढ़ने के लिए
तो मां पास ही कुर्सी पर बैठी रहती
इस ख्याल से रात भर जागती रहती
कि सो ना जाऊँ मैं पढ़ते-पढ़ते
मुझे नींद का झोंका-सा आता देख
रसोई की ओर भागती
मेरे लिए चाय बना कर लाती
और कहती - थक गया है, सो जा
सुबह पढ़ लेना
पर खुद कभी ना थकती कभी ना सोती
माँ जागती रहती
मेरे बड़ा होकर, बड़ा अफसर बनने के सपने सँजोती
मां कभी ना सोती
काम पर जाते हुए
मां को तागीद करता : मेरी फिक्र मत किया कर मां
लेट हो जाऊँ तो सो जाया कर मां
फिर भी मेरे आने तक बेवजह जागती रहती
दफ़्तर से छुट्टी के बाद
दोस्तों के संग घूमने निकल जाता
अक्सर ही लेट हो जाया करता
घर आने पर मेरी प्रतीक्षा में पाता
मां जाग रही होती
माँ कभी नहीं सोती
और एक सुबह अकस्मात् तमाम उम्र मेरे लिए रातों को जागने वाली मां
सो गई - मेरी प्रतीक्षा करते करते
पर मां सोयी नहीं थी
शरीर ही उसका सोया था
मां की आत्मा तो जाग रही थी
वो आज भी जाग रही है
हर पल मेरी फिक्र करती मेरे अंग-संग ही है मां
मेरे आस-पास ही है मां की आत्मा,
मेरी मां ही तो है मेरी सर्वव्यापी प्रमात्मा
मां सोयी नहीं!
मां सोती नहीं!!
मां कभी नहीं सोती!!!