समाचार विश्लेषण/नंदीग्राम में महासंग्राम 

समाचार विश्लेषण/नंदीग्राम में महासंग्राम 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
पश्चिमी बंगाल का विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम इस बार महाभारत के लिए के कुरूक्षेत्र की तरह महासंग्राम का क्षेत्र बनने जा रहा है । कभी ममता बनर्जी के खासमखास रहे शुभेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा के कमल को न केवल थामा बल्कि दीदी को ही चुनौती दी कि नंदीग्राम से चुनाव जीत कर दिखाओ । दीदी  को यों ही बंगाल की शेरनी नहीं कहा जाता । घोषणा कर दी कि नंदीग्राम से भी चुनाव मैदान में उतरेंगी । फिर चुनौती आई कि यदि इतना विश्वास है तो भवानीपुर से क्यों ? दो दो स्थानों से क्यों ? दीदी ने यह चुनौती भी स्वीकार की और अकेले नंदीग्राम के रण को ही चुना । अब भाजपा ने भी शुभेंदु को नंदीग्राम से ही टिकट देने की घोषणा कर दी है और इस तरह यह हाॅट सीट बन गयी पश्चिमी बंगाल के विधानसभा चुनाव में । सबकी निगाहें इस सीट  पर लगी रहेंगीं । जहां इतनी तैयारी वाली भाजपा सिर्फ 57 सीटें  ही घोषित कर पाई , वहां दीदी ने 291 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर हैरत में डाल दिया । क्या दीदी पहले से ही तैयार थी ? इनमें भी पचास सीटें महिलाओं को दीं । मुस्लिम समाज से भी प्रत्याशी चुने ।
बेशक दिनेश त्रिवेदी जैसे सहयोगी दीदी को हवा के बहाव में छोड़ गये हों लेकिन दीदी के हौंसले में कोई कमी नहीं । 

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है और कोलकाता को दीदी ने अपने पोस्टर्स से भर दिया है । भाजपा वालों को पोस्टर लगाने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी । यह है नयी रणनीति और पोस्टर वार । इधर भाजपा ने पुराना पैंतरे आजमाने शुरू किये हैं । बंगाल की मिठाइयों पर मोदी का नाम लिखा जाने लगा है । जैसे कभी राजस्थान में वसुंधरा राजे ने महिलाओं की हथेलियों पर कमल के फूल मेहंदी से लिखवा दिये थे । ये नये टोटके हैं चुनाव के । मिठाई खाने से पहले करो नमो नमो । हथेली पर देखो कमल कमल । 

बेशक मिथुन चक्रवर्ती ने मोदी की रैली में आना स्वीकार कर लिया हो लेकिन क्रिकेट सितारे व पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने भाजपा का मोदी की रैली में शामिल होने का न्यौता बड़े प्यार से मना करते कहा कि हर काम हर किसी के बस का नहीं होता । इस तरह गांगुली ने क्रिकेट की गुगली है न्यौता वापस कर दिया । बाकी बाबुल सुप्रियो तो मोदी जी के लिए गीत जायेंगे ही और रूपा गांगुली भी मंच पर दिखेंगी । मंच फिल्मी सितारों से जगमगायेगा । यही है राइट च्वाॅइस बेबी । हरियाणा या दिल्ली में चुनाव हों तो सपना का प्रचार । यूपी मे चुनाव हों तो जया प्रदा , स्मृति ईरानी और हेमामालिनी । अब महाराष्ट्र के चुनाव में तो कोई कमी ही न रहेगी । कंगना तो कहीं गयी नहीं । अनुपम खेर जी भी आ जायेंगे । विचार और विचारधारा और मुद्दे तो गये पीछे । अब तो ग्लैमर ही आधार और इसी का सहारा । वैतरणी पार होगी कि नहीं ?