फुटबाॅलर से एक्टर तक मननदीप सिंह

फुटबाॅलर से एक्टर तक मननदीप सिंह

-कमलेश भारतीय
हिसार से यशपाल शर्मा, गिरीश धमीजा, सुशील सारस्वत से लेकर अनेक कलाकार फिल्मी दुनिया में शहर व हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं । इनमें एक और सितारा जुड़ गया मननदीप सिंह के रूप में, जिसकी पहली फिल्म 'मैदान' अजय देवगन के साथ रिलीज हो गयी ! मज़ेदार बात यह है कि मननदीप सिंह एक फुटबॉलर पहले है और अब उसने फिल्मी दुनिया में भी कदम रख दिया । आज उससे विशेष बातचीत की गयी । 
-जन्म कहां हुआ मनन? 
-हिसार के गांव‌ सुल्तानपुर उमरा में । 
-पढ़ाई लिखाई कहां और कितनी ? 
-होली एंजल स्कूल से मैट्रिक तो सेंट सोफिया स्कूल से जमा दो तक ।  फिर ग्रेजुएशन जाट काॅलेज से । 
-फुटबॉल का शौक कब से लगा? 
-जब छठी कक्षा में था, तब जाट काॅलेज में कोच मदन सिंह राठौर की देखरेख में खेलने जाता था । 
-फुटबॉल कहां तक खेल पाये? 
-हरियाणा अंडर 14 से लेकर इंडिया 14,16, 19, 21, 23 और ओलम्पिक क्वालिफायर तक खेलता ही गया । सीनियर इंडिया के लिए खेला और देश की फुटबॉल में सबसे बड़ी टीम मोहन बागान में भी खेला । 
-किस पोजीशन पर खेलते थे?
-स्ट्राइकर। 
-फिर फुटबॉल छोड़ क्यों दिया और एक्टिंग में कैसे ? 
-सर, मेरे दो दो सर्जरी हुईं, फिर मैं मैदान में वापसी न कर सका लेकिन 'मैदान' फिल्म से फिल्मों में नयी पारी शुरू हो गयी ।  फुटबॉल का मैदान छूटा और फिल्मों का मैदान मिल गया ! 
-'मैदान' में क्या रोल है? 
-खिलाड़ी का ही रोल है। एक खिलाड़ी हुए हैं त्रिलोक सिंह बलसेरा । मैंने ऑडिशन दिया था और संयोग से मेरी शक्ल भी बलसेरा से थोड़ी मिलती जुलती थी और खिलाड़ी तो था ही ! मेरा सिलेक्शन हो गया और इस तरह फिल्मों में मेरी शुरुआत हो गयी । 
-कौन सा एक्टर पसंद है?
-अजय देवगन ही। उसकी फिल्में 'ओंकारा' और 'भगत सिंह' बहुत अच्छी लगती हैं । 
-मम्मी परमजीत और पापा रामभगत मलिक का कितना योगदान है? 
-दोनों ने बहुत ही स्पोर्ट किया। पहले फुटबॉल में और अब फिल्म में भी । मेरी फिल्म के प्रीमियर के लिए हिसार से दौड़े चले आये । 
-शादी हो गयी ? 
-जी। दिव्या है मेरी पत्नी । 
-हरियाणवी फिल्में देखते हो? 
-एक दो देखी हैं। 
-कोई रोल मिले तो करोगे ? 
-क्यों नहीं ! अच्छा रोल होगा तो जरूर करूंगा। 
-आगे लक्ष्य क्या? 
-खुश रह कर, सेहत का ध्यान रखते हुए जो भी काम मिलेगा उसे अच्छी तरह निभाने की कोशिश रहेगी! 
-हिसार याद आता है? 
-बिल्कुल याद आता है और मयंक सैनी भी याद आता है, जो जाट काॅलेज में मेरे साथ फुटबॉल खेलता था !