डू व्हाट यू लव तथा डोंट गिव अप का मंत्र दिया प्रतिष्ठित विज्ञापन विशेषज्ञ सुराजीत गुहा ने
रोहतक, गिरीश सैनी। डू व्हाट यू लव तथा डोंट गिव अप का मंत्र देते हुए, क्रिएटिव थिंकिंग, इनोवेटिव आइडिया, परिवेश तथा समाज की समझ विकसित करने एवं दर्शक-श्रोता का मनोविज्ञान परखने तथा निरंतर अभ्यास व कड़ी मेहनत को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान प्रतिष्ठित विज्ञापन विशेषज्ञ तथा अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन कंसल्टेंट सुराजीत गुहा ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में आयोजित कार्यशाला में बतौर आमंत्रित विशेषज्ञ किया।
एडवरटाइजिंग कॅरियर: द इनसाइड स्टोरी विषयक इस दो दिवसीय कार्यशाला में सुराजीत गुहा ने विज्ञापन क्षेत्र की अंतर्कथा बताते हुए इस क्षेत्र में कॅरियर संभावनाएं तथा उसके लिए जरूरी तैयारी बारे महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए कहा कि विज्ञापन में अकाउंट तथा मीडिया प्लानिंग, क्लाइंट सर्विसिंग, क्रिएटिव वर्टीकल में करियर अवसर होते हैं। विज्ञापन विशिष्ट शैली से कहने तथा प्रस्तुति की प्रक्रिया तथा सेवा है। उन्होंने कहा कि जितनी तैयारी अच्छी होगी, उतनी कामयाबी विज्ञापन तथा जीवन में मिलेगी। अपने करियर विकल्प को गंभीरता से चुनने की सलाह उन्होंने दी। विद्यार्थियों-शोधार्थियों के सवालों का जवाब सुराजीत गुहा ने दिया। उन्होंने विज्ञापन संबंधित प्रेजेंटेशन भी दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में प्रतिष्ठित कारपोरेट प्रोफेशनल कविता पांडा के इनपुट्स का उल्लेख कर आभार जताया।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने अस्सी-नब्बे के दशक के विभिन्न चर्चित विज्ञापनों की चर्चा करते हुए कहा कि विज्ञापन का सामाजिक तथा व्यक्तिगत प्रभाव है। भविष्य में प्रैक्टिकल वर्कशॉप तथा एलुमनाई कनेक्ट प्रोग्राम आयोजित करने की बात प्रो. हरीश कुमार ने की। कार्यशाला समन्वयक प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने कार्यक्रम संचालन किया। उन्होंने कहा कि विज्ञापनों की लुभावनी दुनिया के पीछे क्रिएटिव माइंड्स, इनोवेटिव कंटेंट क्रिएटर्स, चुटीले संचार कर्ता तथा टीम वर्क के सामूहिक प्रयास होते हैं। प्रभावी विज्ञापन के जरिए प्रोडक्ट, सर्विस, इंस्टीट्यूट, व्यक्ति की ब्रांडिंग भी संभव होती है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक इस दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया।