बाल वीरों की शहादत मानवीय धर्म के प्रति अटूट आस्था का बेमिसाल उदाहरणः सुनित मुखर्जी
एमडीयू में वीर बाल शहीद स्मृति नमन संगोष्ठी आयोजित।
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रोहतक, गिरीश सैनी। वीर बाल दिवस तथा शहीद उधम सिंह जयंती पर एमडीयू में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। बाल शहीद जोरावर सिंह, बाल शहीद फतेह सिंह तथा शहीद उधम सिंह के पोर्ट्रेट पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
छात्र कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित वीर बाल शहीद स्मृति नमन संगोष्ठी में कुलसचिव प्रो गुलशन लाल तनेजा ने बाल शहीदों - जोरावर सिंह, फतेह सिंह तथा शहीद उधम सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प दिवस है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सन 2022 से वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है। सिख गुरुओं के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सिख धर्म हमें मानवता का पाठ सिखाता है।
बतौर मुख्य वक्ता एमडीयू के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने बाल शहीद जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह की शहादत को साहस, शौर्य तथा मानवीय धर्म के प्रति अटूट आस्था का बेमिसाल उदाहरण बताया। सुनित मुखर्जी ने कहा कि गुरू तेग बहादुर के बलिदान से लेकर वीर बाल शहीदों की शहादत तथा शहीद उधम सिंह की शहादत युवा वर्ग के लिए प्रेरणादायी है, जो हमें सिखाता है कि समाज तथा राष्ट्र के सरोकार सर्वोपरि हैं। ‘सुरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत पुर्जा पुर्जा कट मरे कभी ना छाडे खेत’ का परिचायक इन महान शहीदों का जीवन दर्शाता है। सुनित मुखर्जी ने प्रेरणादायी कविता ’एक पुष्प की अभिलाषा’ का सस्वर पाठ कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
बतौर विशिष्ट अतिथि गणित विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र सिंह सिक्का ने कहा कि खेलने कूदने की उम्र में बाल शहीद जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। इन दोनों वीर शहीदों को दीवार में चिनवाया गया परंतु उनके चेहरे पर शिकन तक न थी।
प्रारंभ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. रणदीप राणा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वीर बाल शहीदों की शहादत हमारे राष्ट्र के शहीदी परंपरा की अनूठी मिसाल है। आभार प्रदर्शन निदेशक युवा कल्याण डॉ प्रताप सिंह राठी ने किया। इस कार्यक्रमका मंच संचालन वाईआरसी कार्यक्रम समन्वयिका तथा निदेशक आउटरीच प्रो. अंजू धीमान ने किया।
डीन आर एंड डी प्रो. अरुण नंदा ने भी विचार साझा करते हुए सिख धर्म तथा गुरु ग्रंथ साहब के समावेशी पहलुओं पर प्रकाश डाला।
इस दौरान चीफ वार्डन बॉयज प्रो सत्यवान बरौदा, डीन सीडीसी प्रो विनीता हुड्डा, प्रो हरीश कुमार, प्रो राजीव कुमार, प्रो दलीप सिंह, प्रो राहुल ऋषि, प्रो अश्विनी धींगडा, डॉ कपिल मल्होत्रा, डॉ रविंद्र कुमार, पवन मल्होत्रा सहित वि कर्मी, शोधार्थी, वाईआरसी वॉलिंटियर्स मौजूद रहे।