एमडीयू प्रशासन उत्कृष्ट शोध संस्कृति विकसित करने के लिए संकल्पबद्धः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। बेहतरीन शोध कार्य करने के लिए विषयगत ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी कौशल भी जरूरी है। विशेष रूप से विज्ञान के विषयों में शोध संबंधित टेक्निकल टूल्स में पारंगत होना जरूरी है। शोध कार्य को प्रयोगशाला से निकालकर जमीन (लैब टू लैंड) जमीन का आह्वान करते हुए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने ये उद्गार व्यक्त किए। कुलपति ने आज माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित- हैंड्स ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम फॉर एडवांस्ड एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नीक्स का उद्घाटन किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एमडीयू प्रशासन विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शोध संस्कृति विकसित करने के लिए संकल्पबद्ध है। शोध इंफ्रास्ट्रक्चर तथा रिसर्च इको-सिस्टम को बेहतरीन बनाया जाएगा, ऐसा उनका कहना था। माइक्रोबायोलॉजी विभाग को इस कार्यशाला के आयोजन के लिए कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बधाई दी।
डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कार्यशाला उद्घाटन सत्र में संबोधन किया। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित किया। स्वागत भाषण माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष तथा कार्यशाला संयोजक डॉ. कृष्णकांत शर्मा ने दिया। उन्होंने कार्यशाला संबंधित जानकारी दी।
डीन, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज प्रो. राजेश धनखड़ ने भी संबोधन किया। डॉ. पूजा गुलाटी ने मंच संचालन किया। आभार प्रदर्शन कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ. अनिता संताल ने दिया। सह आयोजन सचिव डॉ. पूजा सुनेजा तथा डॉ. संजय कुमार ने कार्यशाला समन्वयन सहयोग दिया। प्रशिक्षण सत्र में डॉ. राजीव कुमार कपूर, विक्की सहारण तथा तुलसी कुमार ने योगदान दिया। इस अवसर पर सीबीटी निदेशक डॉ. विकास हुड्डा, सीएमबीटी निदेशक डॉ. अमिता सुनेजा डंग, बायोइंफॉर्मेटिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार, डॉ. समुद्र सिंह समेत अन्य प्राध्यापक, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थी तथा इस कार्यक्रम के प्रतिभागी मौजूद रहे।