यूजी व पीजी विद्यार्थियों को बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर तीन फेलोशिप देगी एमडीयू

यूजी व पीजी विद्यार्थियों को बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर तीन फेलोशिप देगी एमडीयू

रोहतक, गिरीश सैनी। डा. भीमराव अंबेडकर का राष्ट्र निर्माण में योगदान वास्तव में अमूल्य और ऐतिहासिक है। वे केवल भारतीय संविधान के निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी विचारक, समाज सुधारक,अर्थशास्त्री, सामाजिक-आर्थिक न्याय और मानव अधिकारों के सजग प्रहरी थे। यह उद्गार एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने संविधान निर्माता डा. अंबेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। कुलपति ने डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।


कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि डा. अंबेडकर का जीवन संघर्ष, साहस और सिद्धांतों की मिसाल है। डा. अंबेडकर का योगदान केवल दलितों एवं पिछड़ों को आरक्षण दिलाने के ही नहीं था, अपितु उन्होंने भारतीय संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और समान अवसर सुनिश्चित किए।


कुलपति ने स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर तीन फेलोशिप दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मौजूदा विवि अनुसंधान छात्रवृत्ति के अलावा, कानून, पत्रकारिता एवं अर्थशास्त्र विषय के जो शोधार्थी बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर से संबंधित शोध करेंगे, उन्हें विशेष विवि अनुसंधान छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि विवि की स्थापना के गोल्डन जुबली वर्ष में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाएगा।

 

इस दौरान डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, डीन पी एंड डी प्रो. एस.सी. मलिक, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, डीन सीडीसी प्रो. विनीता हुड्डा, सीडीएस निदेशिका प्रो. प्रतिमा देवी, पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार, वाईआरसी कोऑर्डिनेटर प्रो. अंजू धीमान, चीफ कंसल्टेंट यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रो. राजकुमार, प्रो. जसवंत सैनी, प्रो. योगेन्द्र सिंह, प्रो. अनुसूया यादव सहित शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।