एमडीयू का पुस्तक मेला नवोदित लेखकों के लिए अहम मंच बनाः डा. शरणजीत कौर
समाज के उत्थान में पुस्तकों की अहम भूमिकाः डा. सीता राम व्यास
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के विवेकानंद पुस्तकालय में आयोजित तीन दिवसीय पुस्तक मेला के दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्यातिथि भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने किया। मुख्यातिथि डा. शरणजीत कौर ने वीरवार को इस पुस्तक मेले में तीन पुस्तकों का विमोचन किया।
भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने अपने प्रभावी सम्बोधन में कहा कि किताबों में जीवन का सार होता है। जिसमें लेखक अपने जीवन के अनुभव को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छा इंसान बनने के लिए संवेदनशील होना होगा और किताबें इंसान को संवेदनशील बनाती हैं। उन्होंने युवाओं से किताबों से जुड़ने का आह्वान किया।
डा. शरणजीत कौर ने कहा कि एमडीयू का पुस्तक मेला नवोदित लेखकों के लिए अहम मंच बन चुका है। यह पुस्तक मेला नए कवियों और लेखकों को प्रोत्साहन दे रहा है, ऐसा मुख्यातिथि का कहना था। उन्होंने विवेकानंद पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. सतीश मलिक और उनकी टीम को इस तीन दिवसीय पुस्तक मेला आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
प्रतिष्ठित शिक्षाविद डा. सीता राम व्यास ने इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। डा. सीता राम व्यास ने कहा कि हर व्यक्ति के मन में कविता छिपी होती है जो किताब में काव्य और लेखन के रूप में हमारे सामने आती है। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज को दिशा देता है, इसलिए समाज के उत्थान में पुस्तकें अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने एमडीयू के पुस्तक मेला को अनूठा बताते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण बताया।
इस दौरान डा. शरणजीत कौर ने डा. रमा कांता की पुस्तक विप्लव गान, डा. चंद्र दत्त की पुस्तक डा. मधुकांत के काव्य का समीक्षात्मक अध्ययन तथा नेहा धनखड़ की पुस्तक बंजर मन का लोकार्पण किया। लेखकों ने अपनी पुस्तकों बारे बताया।
यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डा. सतीश मलिक ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और बताया कि शिक्षक, विद्यार्थी और पुस्तक प्रेमी बढ़चढ़ कर इस पुस्तक मेला में भाग ले रहे हैं। डिप्टी लाइब्रेरियन डा. सीमा ने मंच संचालन किया। लेखक डा. मधुकांत ने आभार प्रदर्शन किया। इस दौरान आकाशवाणी के पूर्व निदेशक धर्मपाल मलिक, एमडीयू के सेवानिवृत निदेशक युवा कल्याण डा. जनार्दन शर्मा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. डीएस हुड्डा, सीडीएस निदेशिका डा. प्रतिमा देवी, डा. योगेंद्र सिंह, पीआरओ पंकज नैन, सूचना वैज्ञानिक डा. सुंदर सिंह तंवर, असिस्टेंट लाइब्रेरियन डा. बलविंदर सिंह सहित एमडीयू के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी, प्रकाशन समूह प्रतिनिधि और पुस्तक प्रेमी मौजूद रहे।