एमडीयू के कंप्यूटर साइंस की टीम को यातायात प्रबंधन आविष्कार के लिए मिला पेटेंट

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्षा प्रो. प्रीति गुलिया, वरिष्ठ प्रोफेसर डा. नसीब सिंह गिल तथा शोधार्थी आयुषी चहल ने-ए मेथड टू प्रेडिक्ट ट्रैफिक़ कन्जेस्चन इन आईओटी इनेबल्ड स्मार्ट सिटी नामक प्रणाली विकसित की है, जिसे पेटेंट प्राप्त हुआ है। यह प्रणाली ऐसा माडल विकसित करती है जिससे यातायात प्रबंधन में सुधार होता है। पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार ने एमडीयू के कंप्यूटर साइंस की इस टीम को इस आविष्कार के लिए पेटेंट प्रमाण पत्र जारी किया है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस पेटेंट के लिए प्रो. प्रीति गुलिया, प्रो. नसीब सिंह गिल तथा शोधार्थी आयुषी चहल की सराहना की और उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्षा प्रो. प्रीति गुलिया ने बताया कि इस नवाचार से यातायात भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा अैर सडक़ सुरक्षा और संचालन में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। उन्होंने बताया कि यह पेटेंट एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करता है जिससे यातायात प्रबंधन प्रणाली की कार्यक्षमता को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। यह यातायात भीड़ का पूर्वानुमान, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, ईंधन की खपत आदि जैसी समस्याओं को दूर करता है।
उल्लेखनीय है कि इस आविष्कार में सीजनल ऑटो-रिग्रेसिव इंटीग्रेटेड मूविंग एवरेज और बिडायरेक्शनल लॉन्ग शॉर्ट-टर्म मेमोरी का उपयोग करके एक बुद्धिमान यातायात भीड़ भविष्यवाणी मॉडल विकसित किया गया है। यह मॉडल रैखिक घटकों को संभालने के लिए सीजऩल ऑटो-रिग्रेसिव इंटीग्रेटेड मूविंग एवरेज और बिग आईओटी टाइम-सीरीज डाटा सेट के गैर-रैखिक घटकों को संभालने के लिए बीआई- एलएसटीएम का उपयोग करता है। इस खोज में उपयोग किया जाने वाला-सिटी प्लस ईयू एफपी7 प्रोजेक्ट एक स्वतंत्र रूप से उपलब्ध डेटासेट है।