प्रतिष्ठित गायिका डॉ. सरिता पाठक की सुरीली आवाज़ में शास्त्रीय संगीत की सुर लहरियां गूंजी एमडीयू में
रोहतक, गिरीश सैनी। शास्त्रीय संगीत की सुर लहरियों की गूंज-अनुगूंज एमडीयू के राधाकृष्णन सभागार में प्रतिष्ठित गायिका डॉ. सरिता पाठक की सुरीली आवाज़ में सुनने को मिली।
एमडीयू के छात्र कल्याण कार्यालय के तत्वावधान में आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में प्रतिष्ठित गायिका डॉ. सरिता पाठक ने मां सरस्वती की संगीतमय आराधना से कार्यक्रम का आगाज़ किया। उन्होंने शास्त्रीय बंदिशें प्रस्तुत कर समां बांधा। राग यमन में 'पिया की नजरिया जादू भरी' प्रस्तुति समेत राग मिश्र खमाज तथा अन्य रागों में शानदार प्रस्तुतियां दी। राग आधारित गीत- 'जब जब दीप जले आना' तथा 'जिद न करो' की प्रस्तुति डॉ सरिता पाठक ने दी।
हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी सुरेश ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रतिभागिता से मानवीयता तथा संवदेनशीलता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि भारत सांस्कृतिक विविधता का देश है तथा विद्यार्थियों को सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने की। भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डॉ. शरणजीत कौर बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा ने दिया। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए. एस. मान, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, अरुणा तनेजा सहित संकाय डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, विद्यार्थी, रोहतक के संगीत प्रेमी नागरिक कार्यक्रम में मौजूद रहे। मंच संचालन संगीत विभाग के डॉ. सौरभ वर्मा ने किया। सहायक निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी ने आयोजन सहयोग दिया। डॉ. मुकेश वर्मा ने संगीतमय कार्यक्रम संयोजन किया।