समाचार विश्लेषण/मंत्री की कार्यवाही और अधिकारी टूर पर
मंत्री महोदय यह चाहते हैं कि सभी अधिकारी भी समय पर कार्यालयों में पहुंचें और अपनी अपनी सीट पर जनता को मिलें लेकिन यदि ऐसा हो पाये तो रामराज न आ जाये ।
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-*कमलेश भारतीय
मंत्री डाॅ कमल गुप्ता समय के पाबंद हैं । लोक निर्माण विश्रामगृह में दो बार इनकी उपस्थिति समय पर हुई । पहली बार जब मंत्री बन कर हिसार लौटे तब भी समय पर ही एंट्री ली और पत्रकारों से भी समय पर रूबरू हुए यह कहते कि साढ़े बारह कहा था और 12, 35 पर आपके साथ हूं । कार्यकर्त्ताओं को छोड़कर । दूसरी बार फिर एक संदेश लेने गया तब भी समय पर हाजिर ।
मंत्री महोदय यह चाहते हैं कि सभी अधिकारी भी समय पर कार्यालयों में पहुंचें और अपनी अपनी सीट पर जनता को मिलें लेकिन यदि ऐसा हो पाये तो रामराज न आ जाये । पहले पंचकूला के नगर निगम कार्यालय में औचक निरीक्षण किया और 41 में से 29 कर्मचारी गैरहाजिर मिले । वेतन काटने का आदेश दिया । इसी प्रकार कल हिसार के हूड्डा कार्यालय में सुबह सवेरे औचक निरीक्षण करने चल दिये तो एडमिनिस्ट्रेटर सहित 56 कर्मचारी गैरहाजिर मिले । बाकायदा मुख्य द्वार बंद करवाने के बाद हाजिरी रजिस्टर हाथ में लेकर एक एक कर्मचारी की हाजिरी जांची तो मजेदार जवाब मिले कि टूर पर हैं ये अधिकारी । इस पर मंत्री महोदय ने चुटकी ली कि सारे के सारे अधिकारी टूर पर ही रहते हैं क्या ? तीन दिन की रेकी के बाद छापा मारा गया है और डीसी महोदया की भी जानकारी में ला दिया गया है चलने से पहले । दूसरा मजेदार जवाब कि साहब को कोरोना हो गया है । है न सूझ कर्मचारी की ? फिर मंत्री महोदय बोले कि सच बोल , ऊपर भगवान् को क्या मुंह दिखाओगे ?
खैर , सरकारी नौकरी की चाह इसी दिन के लिए तो की जाती है कि करना कुछ नहीं और ऊपर की कमाई अलग । अब अगर मंत्री महोदय इस तरह हेडमास्टर की तरह छापे मारने लगे तो इस नौकरी का क्या चार्म रह जायेगा ? कल तो रिश्वत लेने की भी रेकी करवाने के बाद पकड़कर अंदर करने लगे तो रहा सहा चार्म भी खत्म हो जायेगा । अपने सरकारी अधिकारियों में मौज करने और घर के काम काज भी सरकारी समय में करने की बुरी बीमारी लग चुकी है । अब एकदम कैसे दूर हो ? हो सकता है कुछ फर्क पड़ जाये लेकिन आदतें इतनी जल्दी छूटती नहीं । छूटती नहीं है काफिर मुंह पे लगी हुई ।
पंजाब में हमारे आदर्श स्कूल के प्रिंसिपल ऐसे ही समय की पाबंदी पर या बंक मारने पर बहुत बढ़िया चुटकुला सुनाते थे ।
एक अध्यापक बीच स्कूल के समय गैरहाजिर पाया गया । कुछ समय बाद वह स्कूल लौटा तो पूछा -कहां गये थे ?
-जी बाल कटिंग करवाने ।
-सरकारी टाइम में ?
-जी । बुरा न मानें तो कहूं ?
-कहिए ।
-जी । बाल बढ़े भी तो सरकारी टाइम में थे ।
हो सकता है कुछ अफसर सरकारी टाइम में बढ़े बालों की कटिंग करवाने गये हों और मंत्री जी उसी टाइम पहुंच गये और ऑफिस में ही कटिंग कर डाली । लगता है कि डाॅ कमल गुप्ता की छवि छापामार मंत्री की बन जायेगी लेकिन मास्क भी लगाया कीजिए मंत्री जी । यह संदेश भी दीजिए जनता को । फिर तो कमाल ही कमाल हो जायेगी ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।