हाई सिक्योरिटी रजिस्टे्रशन प्लेट पर जोर देते हुए मिशन सेफ लुधियाना फिर से शुरू
लुधियाना, 15 सितम्बर, 2021: (राजकुमार शर्मा) एनजीओ राहत द सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन के चैयरमेन और ग्लोबल सोसाइटी ऑफ सेफ्टी प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष डॉ कमलजीत सोई सदस्य- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने पंजाब राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य के साथ मिशन सेफ लुधियाना 2020 को महामारी की स्थिति में ढील के बाद मिशन सेफ लुधियाना 2021 के रूप में फिर से लॉन्च किया है।
इस सामाजिक, मानसिक और आर्थिक मुद्दे को और अधिक गंभीरता से लेने के लिए दृढ संकल्पित डॉ सोई ने हाई सिक्योरिटी रजिस्टे्रशन प्लेट के सख्त कार्यान्वयन पर जोर दिया है।
यह कार्यक्रम पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2012 में शुरू किया गया था, लेकिन वर्षों तक इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के बाद, यह मिशन रूक हो गया था। इस प्रकार लगभग 20 लाख वाहन अभी भी पंजाब की सड़कों पर बगैर एचएसआरपी के चल रहे हैं। समय की मांग एचएसआरपी कोड का पूर्ण कार्यान्वयन और प्रभावी कार्रवाई है
पंजाब सरकार के परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ने एक अधिसूचना के जरिए पहले अपराध के लिए जुर्माने / चालान की राशि रु. 2000, और उसके बाद हर अपराध के लिए जुर्माने की राशि तीन हजार रुपये की है। यह अधिसूचना 27 जुलाई 2020 को जारी की गई थी। पिछले 15 महीनों में, यातायात पुलिस ने इसके लिए कोई एनफोर्समेंट ड्राइव को भी शुरु नहीं किया है जिसके परिणामस्वरूप वाहन मालिकों की ओर से इसको लेकर लापरवाही का रवैया दिखाया जा रहा है। इस समस्या को और बढ़ाते हुए कुछ असामाजिक तत्व फर्जी तरीके से वाहनों पर नकली एचएसआरपी लगा रहे हैं। हालांकि इनमें से कुछ वाहनों को पुलिस ने जब्त कर लिया है, फिर भी बड़ी संख्या में वाहन बिना एचएसआरपी के सड़कों पर चल रहे हैं। इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है क्योंकि या ये वाहन विशेष रूप से राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने रहेंगे।
वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, राज्य परिवहन आयुक्त, पंजाब के कार्यालय ने दिनांक 12 अगस्त 2021 सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों व राज्य के सब डिविजनल मजिस्ट्रेटों को लिखे पत्र के माध्यम से भी इसी चिंता को उजागर किया है। आधिकारिक अधिसूचना स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि जो वैनिटी नंबर वाहनों को भुगतान के बदले 12 जून 1989 के बाद "पीबी" राज्य कोड और पंजीकरण चिह्न के बिना जारी किए गए हैं और जो कि मोटर वाहन एक्ट 1988 के अनुरूप नहीं है उन्हें तुरंत सरकार के हवाले कर देना चाहिए। साथ ही वाहन स्वामियों को उक्त अधिनियम के अनुरूप नए पंजीकरण अंक प्राप्त करने के लिए कहा गया है।