विधायक बी बी बतरा ने सदन में उठाया रोहतक में सरकारी संपत्ति पर लगे पोस्टर-स्टीकर का मामला

विधायक बोले, स्वच्छ हरियाणा-स्वच्छ भारत नारे का उल्लंघन।

विधायक बी बी बतरा ने सदन में उठाया रोहतक में सरकारी संपत्ति पर लगे पोस्टर-स्टीकर का मामला

रोहतक, गिरीश सैनी। विधायक भारत भूषण बतरा ने मंगलवार को विधानसभा में शहर के सौंदर्य को खराब कर रहे सरकारी संपत्तियों और चौराहों पर लगे पोस्टर-स्टीकरों का मामला उठाया। उन्होंने सरकार से इसकी रोकथाम किए जाने पर जवाब मांगा और इस पर सख्त कानून बनाए जाने की मांग की।

मंगलवार को विधानसभा में कॉलिंग अटेंशन मोशन पर बोलते हुए रोहतक से विधायक बतरा ने कहा कि पूरे प्रदेश में पोस्टर-स्टीकर सरकारी एवं सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे हुए हैं। रोहतक शहर के ही प्रमुख मानसरोवर पार्क के गेट पर लगा शानदार मार्बल पोस्टर और स्टीकरों की वजह से बर्बाद हो रहा है। पार्कों, चौक-चौराहों, महापुरुषों की प्रतिमाओं, सरकारी कॉलेजों की दीवारें और गेट का सौंदर्यीकरण इन स्टीकर-पोस्टरों की वजह से पूरी तरह से खराब है।

विधायक ने कहा कि शहर के एलिवेटेड पुल के नीचे और ऊपर, हर जगह दूर-दूर तक पोस्टर और स्टीकर नजर आते  हैं। ऐसी स्थिति एक दिन में नहीं हुई, कई सालों से लगे ये पोस्टर-स्टीकर लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उनकी सफाई नहीं की जा रही। उन्होंने इसे सरकार द्वारा दिए गए स्लोगन स्वच्छ हरियाणा-स्वच्छ भारत का पूरी तरह से उल्लंघन बताया।

उन्होंने कहा कि सरकार हिदायत जारी करे कि पोस्टर-स्टीकर के नीचे प्रिंटर का नाम और नंबर जरूर लिखा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये स्टिकर-पोस्टर स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस बारे में जुर्माना भी तय करने की मांग की। उन्होंने सरकार से एक बार पूरे शहर को साफ करवाने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार इसकी रोकथाम करने के प्रति भी जवाब दे और इसे लेकर सख्त कानून बनाया जाए।

विधायक भारत भूषण बतरा ने गवर्नमेंट कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर्स की तर्ज पर विवि में कार्यरत लेक्चरर के लिए भी कानून लाए जाने की बात कही। उन्होंने सरकार से विश्वविद्यालयों के 1500 लेक्चरर्स का भी भला करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि अगले 10 से 15 दिन के अंदर वे रोहतक सहित पूरे हरियाणा में सफाई अभियान की शुरुआत करेंगे। मंत्री गोयल ने कहा कि 1989 में बने एक्ट में और ज्यादा संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों को भी जागरूक होना पड़ेगा।